देश और उत्तर प्रदेश में कोरोना के कोहराम के बीच राजधानी लखनऊ से एक चिंताजनक खबर आई है। हर ओर से ऑक्सीजन के किल्लत की खबरें आ रही हैं।

इसी बीच राजधानी के मेयो अस्पताल से दिल दहला देने वाली तस्वीर के सामने आने से हाहाकार मच गया है।

अस्पताल प्रशासन ने मुख्य द्वार पर ऑक्सीजन समाप्त होने का पोस्टर चिपका दिया है और परिजनों से मरीजों को कहीं और ले जाने का निर्देश जारी कर दिया गया है।

पोस्टर लगने के बाद मरीजों के परिजनों के बीच हड़कंप मच गया है। वहीं लखनऊ के ही टीएस मिश्रा अस्पताल में भी डॉक्टरों ने ऑक्सीजन खत्म होने की घोषणा कर दी। जिसके बाद यहां भी इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों में दहशत व्याप्त हो गया है।

इस सूचना के बाद तत्काल 30 मरीजों को टीएस मिश्रा अस्पताल से ट्रॉमा सेंटर ट्रांसफर कर दिया गया।

सबसे बड़ी त्रासदी तो यह है कि लगातार ऑक्सीजन खत्म होने की खबरों के बावजूद यूपी सरकार ऑल इज वेल के दावे कर रही है। प्रदेश सरकार लगातार दावे कर रही है कि यूपी में ऑक्सीजन की कमी बिल्कुल ही नहीं है।

वहीं मरीजों के परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर लेने और रिफिल करवाने के लिए सेंटर के बाहर हजारों हजार की संख्या में लाइन लगाकर खड़े हैं। इनमें से कईयों को भाग्य से सिलेंडर नसीब हो जा रहा है और कईयों को निराशा हाथ लग रही है।

सच तो यह है कि पूरे देश में और खास कर उत्तर प्रदेश में कोरोना की वजह से हालात भयावह हो चुके हैं। अस्पतालों में बेड नहीं होने की वजह से कई कोरोना मरीजों को घर में ही आइसोलेट किया गया है।

हालत बिगड़ने पर घर में ही ऑक्सीजन चढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है। सरकारी व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है. मजबूरन लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदना पड़ रहा है।

सप्लायरों के लिए ये आपदा अवसर बनकर सामने आया है। सिलेंडरों के एवज में मोटा मुनाफा वसूली हो रही है, इसके बावजूद सिलेंडरों की किल्लत कम नहीं हो रही है।

मालूम हो कि बीते 24 घंटों में पूरे यूपी से कोरोना 29754 नए मामले सामने आए हैं. इनमें सबसे ज्यादा केस लखनऊ
के हैं, जहां 5014 नए मरीजों का पता चला है।

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