सुस्त होती जा रही अर्थव्यवस्था का असर अब रुपये पर भी दिखने लगा है। यही वजह है कि विदेशी निधियों की निकासी के चलते रुपया आठ महीने के निचले स्तर पहुँच चुका है।

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 26 पैसे की गिरावट के साथ 71.81 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अब इस मामले पर एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी सवालों के घेरे में है।

विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कमजोर होते रुपये पर तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधा था। पीएम मोदी ने तब कहा था कि जिस प्रकार से रूपया गिरता जा रहा है विश्व व्यापार में भारत टिक नहीं पायेगा। उन्होंने कहा था कि यह सिर्फ़ आर्थिक कारणों से नहीं हुआ, ये आपकी जो भ्रष्ट राजनीति है। उसके कारण हुआ है।

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उस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि मेरी सत्ता आई तो कि वे विदेशों में छुपाया गया काला धन भारत लाएंगे और हरेक के खाते में 15 लाख रुपए जमा कर देंगे। आज हालत यह है कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों की रकम में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। मगर अब जब सीएम मोदी पीएम मोदी बन चुके है, तो उनका ये बयान उन्हें सोशल मीडिया पर याद दिलाया जा रहा है।

जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि एक वक़्त जब गिरता रूपया काफी शोर मचाता था। मगर आज वो वैसे ही मौन हो गया है जैसे हमारे प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह)।

बता दें कि बुधवार को रुपया 71.55 डॉलर प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, शेयर बाजार के प्राथमिक आंकड़ों से पता चलता है कि बृहस्पतिवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 902.99 करोड़ रुपये की निकासी करने की वजह से भी रूपया कमजोर हुआ है।

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