PMC बैंक के खाताधारकों को बैंक की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आरबीआई ने बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके चलते अब बुजुर्ग से लेकर नौजवान सब परेशान हैं कि वो अपना ही पैसा निकालने में अब असक्षम क्यों है। वहीं कुछ कारोबारियों ने अपना पैसा बैंक के हालत को देखते ही पहले ही दूसरे बैंक में शिफ्ट कर लिया था।
अब इस मामले में बीजेपी नेताओं का नाम आना शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम का कहना है कि बैंक के लगभग सभी निदेशक भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। वे ग्राहकों द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों के लिए जिम्मेदार हैं।
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निरुपम ने बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं ने रियल एस्टेट कंपनियों को डिफॉल्ट करने के लिए लोन का वितरण किया और ऑडिट रिपोर्ट में हेरफेर किया। RBI को प्रतिबंधों को उठाना चाहिए और लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई निकालने की अनुमति देनी चाहिए।
वहीं इस मामले पर बैंक के सह-निदेशकों में एक बीजेपी नेता रजनीत सिंह और चार बार महाराष्ट्र के मुलंद से बीजेपी के टिकट पर विधायक रहें सरदार तारा सिंह के बेटे भी है।
उन्होंने मुंबई मिरर से बात करते हुए बैंक हालातों पर से अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। रजनीत सिंह ने बैंक के हालत पर कहा कि मैं बैंक की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में शामिल नहीं हूं और किसी भी ऋण वितरण से अवगत नहीं हूं।
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हम आरबीआई से आह्वान कर रहे हैं कि वह विदड्रॉल कैप में ढील दे। हम ग्राहकों से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं। उनके पिता और बीजेपी नेता सरदार तारा सिंह ने भी दोहराया कि न तो उनके बेटे और न ही बैंक निदेशकों में से कुछ का ऋण ऋणदाताओं से कोई लेना-देना है। वह (रजनीत) सिर्फ एक निदेशक हैं, बैंक प्रबंधक के स्तर पर ऋण वितरण को नियंत्रित किया जाता है।
हालाकिं कि मुंबई मिरर की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कर्जदारों में कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने हाल ही में पार्टी छोड़ी है। वहीं दूसरी तरफ इस मामले पर बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि बैड लोन की सकल अंडर-रिपोर्टिंग और अब दिवालिया हो चुकी रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर एचडीआईएल का 2,500 करोड़ रुपये का ऋण बैंक नियामक की दंडात्मक कार्रवाई के पीछे प्रमुख कारण थे।