उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में 13 साल की बच्ची के साथ एक पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी के दुष्कर्म करने की घटना सामने आयी है।

मामले में आरोपी दिनेश त्रिपाठी की गिरफ्तारी हो चुकी है। पीड़िता के घर वाले ने उन्हें कमरे में बच्ची के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा था।

आज आरोपी को कोर्ट में पेश किया जायेगा और पीड़िता की मेडिकल जांच भी करायी जाएगी। दिनेश त्रिपाठी मूलतः इलाहाबाद के रहने वाले हैं।

कानपुर में काम करने के दौर उन्होंने चकेरी इलाके में एक मकान बनाया और उसे महाराजपुर के एक परिवार को किराए पर दिया।

परिवार में एक 13 साल की बेटी और 17 साल का बेटा है। पुलिस को पीड़िता के पिता ने बताया कि वो और उनकी पत्नी कानपुर में टिफिन सर्विस चलाते हैं।

पीड़िता के पिता के मुताबिक, रविवार की रात दोनों बच्चे बाहर के कमरे में बैठकर टीवी देख रहे थे। बेटा थोड़ी देर बाद अंदर आ गया, लेकिन बेटी काफी देर तक वापस नहीं आयी।

जब पिता बाहर आए तो उन्होंने दिनेश त्रिपाठी को अपनी बेटी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया।

पीड़िता के पिता ने पुलिस के आगे ये भी बताया कि पकड़े जाने पर आरोपी दिनेश त्रिपाठी ने पूरे परिवार को डराने धमकाने की भी कोशिश की थी। हालांकि पीड़िता के परिजनों ने चकेरी थाने पर जाकर पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी के खिलाफ FIR दर्ज करवायी।

चकेरी थाने के इंस्पेक्टर अमित तोमर ने अपने बयान में कहा है कि, “दंड संहिता के वग्र 376 के तहत FIR दर्ज होने के बाद आरोपी को मंगलवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है। बुधवार को आरोपी को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।”

एक पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर का दुष्कर्म जैसे संगीन आरोपों में गिरफ्तार होना मुख्यमंत्री के महिला सुरक्षा के खोखले दावों को खारिज करता है। कानपुर में किसी पुलिस कर्मचारी का महिला अपराध में नाम आने का ये कोई पहला मामला नहीं है।

दस साल पहले चकेरी सर्किल के सीओ अमरजीत शाही ने 15 वर्षीय बच्ची को धमका कर कई दिनों तक रेप किया था। बाद में अमरजीत शाही को भी सज़ा दी गयी थी।

वहीं एक महीने पहले कानपुर से कुछ ही दूर पर स्थित उन्नाव के सीओ कृपा शंकर कनौजिया को एक महिला सिपाही के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया था।

ये हाल है उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा का। जिन पुलिस अफसरों को पूरे प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाती है, जब वही ऐसे गुनाहों को अंजाम देते हैं, तो ये प्रदेश की जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

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