उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो पुलिस वाले एक मासूम के सामने उसके पिता को बेरहमी से पीट रहे हैं। बिना हेलमेट दिख रहा यह शख्स कानून की जद में है लेकिन कानून वाले उसे बेरहमी से पीट रहे हैं। सीने पर पैर रखकर इस शख्स को पीटा जा रहा है इस दौरान जनता तमाशा देख रही है।

दरअसल इस वीडियो सामने आते ही यूपी पुलिस ने अभद्र व्यवहार बता पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर कारवाई कर निलंबित कर दिया है। इन्हें पत्रकारों की तरह जेल में नहीं ठूसा गया है और ना ही इनपर किसी तरह का केस दर्ज किया गया। नौकरी से निलंबित हो जाना क्या काफी है? अपना काम कर रहें पत्रकारों को वीडियो शूट करने के FIR हो सकती है मगर इन पुलिस वालों पर FIR क्यों नहीं दर्ज होती।

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इस घटना पर रेडियो जॉकी रौनक ने सोशल मीडिया पर लिखा- निलंबन से कुछ नहीं होता, ये कैमरे में record हुआ , बहुत सारा कुछ नहीं होता, किसी सड़क चलते वाले से पूछ लीजिए सबका यही कहना: एक नम्बर निकम्मी पुलिस!

ये पहला मामला नहीं जहां चेकिंग के दौरान पुलिस से बेरहमी दिखाई हो। पिछले दिनों नॉएडा में गौरव शर्मा नाम के शख्स की पुलिस चेकिंग के दौरान ही पुलिस से बहस होने के बाद गौरव की मौत हो गई थी। गौरव के परिवार ने पुलिस पर भी अभद्र भाषा का उपयोग करने का आरोप लगाया था।

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वहां मौजूद लोगों की मदद से गौरव को फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने इसका इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद उसे फिर दूसरे अस्पताल ले जाया मगर वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

बता दें कि मोदी सरकार ने पहले के मुकाबले, संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में कई गुना ज्यादा जुर्माने का प्रावधान किया है। नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद से कांग्रेस शासित राज्यों और पश्चिम बंगाल को छोड़ हर राज्य में इस एक्ट की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। कहीं 15 हज़ार का चालन हो रहा है तो कहीं 60 हज़ार तो कहीं एक लाख तक चालन हो चुका है।

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