मोदी सरकार की एक और तानाशाही का मामला सामने आया है। पीएम मोदी के चेन्नई दौरे को पर्याप्त कवरेज न देने के कारण दूरदर्शन की एक सहायक निदेशक को निलंबित कर दिया गया है।

दरअसल, सोमवार को अपने चेन्नई दौरे पर पीएम मोदी IIT मद्रास के 56वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने छात्रों से संबोधन भी किया था। लेकिन जब वह छात्रों से संबोधन कर रहे थे तब कथित तौर पर चेन्नई दूरदर्शन केंद्र की सहायक निदेशिका आर वसुमथी ने प्रधानमंत्री के भाषण का प्रसारण रोक दिया था।

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के भाषण के प्रसारण पर रोक लगाने की वजह से ही वसुमथी के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई और उन्हें निलंबित कर दिया गया। हालांकि दूरदर्शन ने इस बात की पुष्टी नहीं की है।

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प्रसार भारती के सीईओ द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, वसुमथी के खिलाफ अनुशसनात्मक कार्रवाई की जा रही है और जब तक ये जांच चलेगी वे केंद्रीय सिविल सेवा नियम (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के अनुसार अपने पद से निलंबित है।

उन्हें इस दौरान शहर न छोडऩे का आदेश भी दिया गया है, साथ ही पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इसे किसी प्रकार की हिरासत न समझा जाए।

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ग़ौरतलब है कि पीएम मोदी को नाख़ुश करने वाले अधिकारियों को निलंबित किए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। लोकसभा चुनाव के दौरान ओडीशा में पीएम मोदी के काफिले की तलाशी लेने की कोशिश करने के आरोप में चुनाव आयोग ने मोहम्मद मोहसिन नाम के एक आईएएस अधिकारी को भी सस्पेंड कर दिया था।

आईएएस मोहसिन ने संबलपुर में पीएम मोदी के काफिले की तलाशी लेने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया था। इस मामले में पीएमओ ने दखल दिया था, जिसके बाद चुनाव आयोग के अधिकारी मामले को देखने ओडिशा गए थे। जांच के बाद उन्हें एसपीजी सुरक्षा प्राप्त शख्स के बारे में चुनाव आयोग के निर्देशों के उल्लंघन के आरोप में मोहम्मद मोहसिन को निलंबित कर दिया था।

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