यूपी के किसान नोएडा से दिल्ली के किसान घाट की ओर कूच कर रहे हैं। वह गन्ने की फसल का बकाया भुगतान और पूर्ण कर्ज माफी के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे हैं। मगर उन्हें दिल्ली में आने से ही रोक दिया गया है। फिलहाल 11 लोगों का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पुलिस की गाड़ी में कृषि मंत्रालय जायेगा।

दरअसल किसानों को दिल्ली में घुसते ही बॉर्डर पर रोक लिया गया है। किसान सैकड़ों की तादाद में दिल्ली बार्डर पर धरने पर बैठ गए हैं। इनकी मांग है कि सरकार उनसे बात करें या फिर उन्हें दिल्ली के किसान घाट जाने दिया जाये। किसान गन्ने की फसल का बकाया भुगतान और पूर्ण कर्ज माफी के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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भारतीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक सोम ने बताया कि किसानों की अधिकार पदयात्रा की शुरुआत 11 सितंबर को सहारनपुर से हुई, हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों और अपने वाहनों से चल रहे हैं।

वहीं इस मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा कि क्या कारण है कि किसानों को दिल्ली आकर अपनी माँग उठाने से रोक दिया जाता है? भाजपा सरकार अपने प्रचार में तो किसानों की भलाई बताती फिरती है? फिर जब उप्र का किसान कहता है कि उन्हें गन्ने का बकाया चाहिए, कर्जमाफी और बिजली के दाम में कटौती चाहिए तो उन्हें बोलने क्यों नहीं दिया जाता?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो किसानों की याचिका पर गन्ना किसानों का बकाया चुकाने का निर्देश दिया था। किसानों ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने बैंकों से लोन लेने के बाद फसल उगाई थी लेकिन अब वे ये लोन चुकाने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि चीनी मिलों ने अभी तक उनके बकाये का भुगतान नहीं किया है।

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बता दें कि इससे पहले भी जब उत्तर प्रदेश के किसान गन्ने का बकाया लेकर दिल्ली आए थे। उस वक़्त भी सरकार ने किसानों को यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया था। उस वक़्त पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया था। इसके बाद किसान वापस तो लौट गए मगर कर्ज से दबे किसान एक बार फिर दिल्ली आने की कोशिश की है।

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