‘देश में रोजगार की कमी नहीं है। हमारे उत्तर भारत में जो रिक्रूटमेंट करने आते हैं, इस बात का सवाल करते हैं कि जिस पद के लिए रख रहे हैं, उसकी क्वालिटी का व्यक्ति हमें कम मिलता है। आज कल अखबारों में रोजगार की बात आ गई है। हम इसी मंत्रालय को देखने का काम कर रहे हैं, रोज ही इसकी निगरानी करते हैं। देश भर में रोजगार की कमी नहीं है। रोजगार बहुत है।’

ये बयान केंद्रीय श्रम और रोजगार मामलों के राज्य मंत्री संतोष गंगवार का है। उन्होंने जैसे ही बेरोजगारी होने के कारण को योग्यता ना होना बताया। वैसे ही विपक्षी नेताओं ने उनके इस बयान की आलोचना करनी शुरू कर दी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से सवाल पूछा है। साथ ही इसे उत्तर भारतीयों का अपमान बताया है।

सबसे ज्यादा नौकरी छीनने वाले प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी, 4 करोड़ लोगों का छीना रोजगार

उन्होंने सोशल मीडिया पर गंगवार का बयान शेयर करते हुए लिखा- मंत्रीजी, आपने इतनी बड़ी बात बोली है तो अब आँकड़े भी दे दीजिए। आपने कितनी नौकरियां पिछले 5 साल और 100 दिन में दीं? पिछले 5 सालों में कितने उत्तर भारतीयों को नौकरियां दीं? स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत कितनी नौकरियां दीं? हाँ याद रखिए, नौकरियां छीनने के आँकडें जनता के पास हैं।

वही इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दूसरी कैबिनेट के शपथ लेने के एक दिन बाद ही सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि बीते चार दशकों में बेरोजगारी दर सबसे ख़राब स्तर पर पहुंच गई है।

आ गई मंदी! सूरत में 200 हीरा कारीगरों को नौकरी से निकाला गया, मालिक बोले- काम नहीं है

इस आंकड़ों के बाद देशभर में रोजगार का संकट पिछले दिनों भी बढ़ा है। आर्थिक विकास दर घट कर पांच फीसदी पर आने से ऑटो सेक्टर, टैक्सटाइल सेक्टर, चाय उद्योग सबमें लगातार छंटनियों की ख़बर सामने आ रही है। जबकि इससे पहले यानी की लोकसभा चुनाव के दौरान देश भर में बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। तब सरकार ने लीक रिपोर्ट को खारिज किया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here