मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर जनता को राहत देने के नाम पर करीब ढाई रूपये कम किये।मगर अब भी पेट्रोल 82 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है, अब पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग तेज हो गई है।
क्योकिं लगातार गिर रहे रूपये की वजह से तेल की कीमतों पर सीधा असर पड़ता है और अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाते है तो जनता को काफी राहत मिलेगी।
PM मोदी अब न तो पेट्रोल पर बोलते हैं, न रुपये पर बोलते हैं और न रोज़गार पर बोलते हैं, क्यों? : रवीश कुमार
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है, राहुल ने सोशल मीडिया पर लिखा-
आदरणीय श्री मोदीजी, आम जनता पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दामों से बहुत ज्यादा परेशान है। आप कृपया पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में ले आइए।
आदरणीय श्री मोदीजी, आम जनता पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दामों से बहुत ज्यादा परेशान है.
आप कृपया पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में ले आइए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 5, 2018
गौरतलब हो कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कई दिन से चल रही है। अगर पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो आम लोगों की राहत तो मिलेगी।
मगर केंद्र और राज्य सरकार को इससे नुकसान हो सकता है। और अगर इसमें 28% की दर से जीएसटी जोड़ लिया जाए तो भी ये 53.50 रुपए प्रति लीटर बैठेगा। यानी मौजूदा दर से 24.33 रुपए कम।
तेल के दाम कम किए जाने पर बोले केजरीवाल- 10 रुपए बढ़ाकर 2.50 रुपए घटाए, यह ‘धोखा’ है
बता दें कि डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है। अमेरिका डॉलर की तुलना में भारतीय रूपया फिर लुढ़का गुरुवार को रुपये ने ऐतिहासिक गिरावट का स्तर छुआ था। यह डॉलर के सामने 73.81 के स्तर पर पहुंच गया था।
बुधवार को ये 73.34 में बंद हुआ जो गुरुवार को बाज़ार खुलते ही 73.60 स्तर पर खुलने के बाद शुरूआती कारोबार के दौरान 73.79 पहुंच चुका है। मोदी सरकार की तरफ से कीमतें गिरने से रोकने की बात कही गई है मगर फ़िलहाल इसका असर दिखाई नहीं दे रहा है