प्रधानमंत्री नरेंद मोदी भले ही भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की बात कर रहे हों, लेकिन हक़ीक़त ये है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इसी हफ़्ते विश्व बैंक की 2018 की रैंकिंग में भारत की अर्थव्यवस्था पांचवें नंबर से फिसलकर सातवें नंबर पर आ गई है।
इसपर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा, “भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार कुछ नहीं बना सकती। दशकों की मेहनत और जुनून से हमने जो बनाया है वह उसे सिर्फ नष्ट सकते हैं”। इसके साथ राहुल गांधी ने एक फाइल भी शेयर की है, जिसमें उन्होंने नौकरियों की कमी को दिखाया है।’
The BJP Government can’t build anything. It can only destroy what was built over decades with passion and hard work. pic.twitter.com/IV0HYE1GJ7
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 3, 2019
विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और फ्रांस से पिछड़ गई है। साल 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस की अर्थव्यवस्था में भारत के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ दर्ज की गई, जिस वजह से अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में इन दोनों देशों ने भारत को पछाड़ दिया। ब्रिटेन 5 पांचवें स्थान पर पहुंच गया है जबकि छठे स्थान पर फ्रांस काबिज हो गया है।
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विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था बढ़कर 2.82 ट्रिलियन डॉलर हो गई, जबकि फ्रांस की अर्थव्यवस्था 2.78 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़कर हो गई। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था साल में 2.73 ट्रिलियन डॉलर तक ही पहुंच पाई।
भारत की अर्थव्यवस्था साल 2018 में महज 3.01 फीसदी बढ़ी, जबकि इसमें साल 2017 में 15.23 फीसदी का इजाफा देखा गया था। इसी तरह ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2018 में 6.81 फीसदी बढ़ी। जिसमें साल 2017 में महज 0.75 फीसदी का उछाल आया था। वहीं फ्रांस की बात करें तो साल 2018 में इसकी अर्थव्यवस्था 7.33 फीसदी बढ़ी, जो कि साल 2017 में सिर्फ 4.85 फीसदी बढ़ी थी। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था 2017 के मुकाबले 2018 में सुस्त रही, जिस वजह से भारत इस रैंकिंग में पिछड़ गया।
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इंडिया रेटिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा है कि 2017 में डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट आई थी जिसकी वजह से ऐसा हुआ है। पंत का मानना है कि इसी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था डॉलर के टर्म में 2017 की तुलना में 2018 में पिछड़ गई।
ग़ौरतलब है कि बजट 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा। लेकिन नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो कुछ ही दिन बाद इंडस्ट्री डेटा से पता चला कि सवारी गाड़ियों की ब्रिक्री में पिछले 18 सालों में सबसे बड़ी गिरावट आ गई।