चार्टर्ड एकाउंटेंट और छात्रों ने बीते सोमवार से परीक्षा परिणामों की प्रक्रिया बदलने की मांग को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं। सीए स्टूडेंट्स का कहना है कि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट (आईसीएआई) द्वारा परीक्षा पेपर्स की जांच के तरीके को चाहिए और इसे पारदर्शी बनाना चाहिए, वहीं इसे लेकर सोशल मीडिया पर #dearicaiplschange ट्रेंड कर रहा है।
दरअसल सीए की परीक्षा तीन चरणों में होती है। छात्रों का आरोप है कि संस्थान ने पासिंग प्रतिशत के अनुरूप दूसरे और तीसरे चरण में परिणामों के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ करता है। स्टूडेंट्स का कहना है कि स्टेप वाइज मार्किंग सिस्टम भी फॉलो नहीं किया जा रहा है।
CA स्टूडेंट्स के समर्थन में उतरे राहुल गांधी, बोले- सभी राजनीतिक दल छात्रों का करें समर्थन
मीडिया से बात करते हुए सीए स्टूडेंट ने कहा, सीए इंटर लॉ में मेरे 59 मार्क्स आए, छूट से सिर्फ एक नंबर कम, मेरे दो क्वेश्चन चेक ही नहीं किए गए। एक स्टूडेंट बताती है, सवाल सही होने के बावजूद सीधे 16 नंबर ऑडिट थ्योरी पेपर से काटे गए हैं। हम कई महीने, साल पढ़ाई में लगाते हैं और फिर ऐसी चेकिंग बहुत गलत है।
मगर इंस्टिट्यूट के एक अधिकारी का कहना है कि नवंबर 2019 और मई 2020 के इंटरमीडिएट और फाउंडेशन लेवल एग्जाम के सभी पेपर डिजिटल इवैल्यूशन से गुजरेंगे, इससे गलतियों के चांस दूर होंगे। आईसीएआई का कहना है कि अब एग्जामिनर का नाम तभी एग्जामिनर पैनल में जुड़ेगा, जब वो ऑनलाइन टेस्ट पास करेगा।
चलो कोई तो है जो बच्चों के बारे में सोचता है #pakodanomics के समय में !! https://t.co/iizcAEpEL7
— Gurpreet Garry Walia (@_garrywalia) September 25, 2019
मगर इसके बाद भी जयपुर, रायपुर, बंगलुरु जैसे तमाम शहरों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी सभी राजनीतिक दलों के एकसाथ आने की मांग कर चुके है। राहुल के इस बयान पर सोशल मीडिया पर पत्रकार गुरप्रीत वालिया ने सोशल मीडिया पर लिखा- चलो कोई तो है जो बच्चों के बारे में सोचता है #pakodanomics के समय में !
बता दे कि राहुल गांधी ने स्टूडेंट की मांग को जायज ठहराते हुए ट्विटर पर लिखा- देशभर में 12 लाख सीए छात्र अपने परीक्षा पत्रों का पुनर्मूल्यांकन करने की मांग को लेकर आईसीएआई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में त्रुटियों की व्यापक रिपोर्टों को देखते हुए उनकी मांग जायज है। इसका सभी राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित होनी चाहिए।