संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान पर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है। मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में आरक्षण पर विचार करने को लेकर बयान दिया था।

हालाकिं बाद में संघ की तरफ से साफ़ किया गया कि आरक्षण वाले बयान का कोई और मतलब ना निकाला जाए। फिर भी इसके बाद आरक्षण पर बहस शुरू हो चुकी है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सोशल मीडिया पर मोहन भागवत के बयान पर निशाना साधा है। राजभर ने कहा कि वाराणसी के बाबा विश्वनाथ जी जैसे 9 लाख मंदिर है उसमे भी आरक्षण लागू करो मोहन भागवत जी, ताकि उसमें भी पिछड़े, दलित के बेटे पुजारी बन सके, आप आरक्षण समाप्त करने की बात करते हो आपकी नियत हमेशा से यही रहा है संविधान को नष्ट कर,मनुस्मृति लागू करने का,हो दम तो आरक्षण समाप्त करके दिखाओ।

इसके बाद राजभर ने सीधे सीधे आरक्षण पर मोहन भागवत से सीधी बहस करने की चुनौती दे दी। राजभर ने कहा- काम करे ते चार पावे,बात करे ते बारह जे घर बैठ के मजा उड़ा वे उ पावे अट्ठारह, आरक्षण पर मोहन भागवत से राष्ट्रीय बहस करने के लिये तैयार हूँ 15% आबादी जिसकी वह आरक्षण का लाभ 50% ले रहा है जिसकी आबादी 52% उसको आरक्षण 27% मिल रहा है। जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी तय करो।

गौरतलब हो कि मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में आरक्षण पर बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उन्हें सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर विमर्श करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने आरक्षण को लेकर पहले भी चर्चा की थी मगर ये मुद्दे से भटक गया था।

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बता दें कि भारतीय सविंधान के तहत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। जिसमें अनुसूचित जाति (SC)को 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 फीसदी, OBC यानी की पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी और गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। बाकी बची 40.5 फीसदी नौकरियां सामान्य जातियों के लिए हैं।

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