मोदी सरकार में रोजगार देने की बात कही गई थी। मगर जब रोजगार देने की बारी आई तो केंद्रीय श्रम और रोजगार मामलों के राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने एक अलग ही बहाना दे दिया। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार की कमी नहीं है। हमारे उत्तर भारत में जो रिक्रूटमेंट करने आते हैं, इस बात का सवाल करते हैं कि जिस पद के लिए रख रहे हैं, उसकी क्वालिटी का व्यक्ति हमें कम मिलता है।

गंगवार यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि आज कल अखबारों में रोजगार की बात आ गई है। हम इसी मंत्रालय को देखने का काम कर रहे हैं, रोज ही इसकी निगरानी करते हैं। देश भर में रोजगार की कमी नहीं है, रोजगार बहुत है।

उनके इस बयान पर जहां एक तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर भारतीयों का अपमान बताया वहीं अब कांग्रेस ने भी निशाना साधा है।

युवाओं को अयोग्य बताने वाले मंत्री से प्रियंका ने पूछा- आपने 5 साल और 100 दिन में कितनी नौकरियां दी?

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि ‘देश में रोजगार बढ़ाने की जिम्मेदारी श्रम एवं रोजगार मंत्री की होती है। अगर वही ये कहे कि पूरे उत्तर भारत के युवा नाकाबिल और अयोग्य हैं। वो नौकरी पाने के लायक नहीं है, फिर तो सरकार के लिए सारी समस्या ही खत्म है।’

बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दूसरी कैबिनेट के शपथ लेने के एक दिन बाद ही सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि बीते चार दशकों में बेरोजगारी दर सबसे ख़राब स्तर पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में स्किल इंडिया में हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए।

सरकार के अनुसार इसमें 16 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। अगर सरकार युवाओं को नाकाबिल मानती है, तो उनको प्रशिक्षण क्यों दिया? इनमें से भी सिर्फ 30% को ही नौकरियां मिली।

बता दें कि इस आंकड़ों के बाद देश भर में रोजगार का संकट पिछले दिनों भी बढ़ा है। आर्थिक विकास दर घट कर पांच फीसदी पर आने से ऑटो सेक्टर, टैक्सटाइल सेक्टर, चाय उद्योग सबमें लगातार छंटनियों की ख़बर सामने आ रही है। जबकि इससे पहले यानी की लोकसभा चुनाव के दौरान देश भर में बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। तब सरकार ने लीक रिपोर्ट को खारिज किया था।

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