केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को फ्रांस में राफेल लड़ाकू विमान की डिलेवरी ली। इस दौरान उन्होंने शस्त्र पूजा की। उन्होंने राफेल (Rafale) पर ओम लिखकर कलावा बांधा और उसपर अक्षत छिड़क कर विधि विधान से पूजा की। इसके साथ ही राफेल पर नारियल रखा गया और उसके पहियों के नीचे नींबू रखा गया।

केंद्रीय मंत्री द्वारा किए गए इस कर्मकांड की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। लोगों का कहना है कि राजनाथ सिंह द्वारा राफेल की पूजा किया जाना भारत के धर्मनिर्पेक्ष मूल्यों के खिलाफ है। आध्यात्मिक गुरु एवं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी इसपर आपत्ति जताई है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘रक्षा मंत्री “हिंदू” हैं तो “राफ़ेल” को रोली चंदन लगा कर ॐ लिख दिया गया, लेकिन अगर मंत्री “मुसलमान” होता तो क्या “अज़ान” देता, ऐसा लगता है कि अब “संविधान” से “सैक्यूलर” शब्द हटा देना चाहिये’।

वहीं सोशल मीडिया पर अन्य यूज़र्स ने राफेल की पूजा किए जाने पर केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा। गुरु जी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘सही है, ये सब इंडियन इकॉनमी पर करो…सुधर जाएगी’।

व्हाट्स माई टेक नाम के दूसरे यूज़र ने लिखा, ‘एक दूसरे ट्विटर यूजर ने पीएम नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह को टैग करते हुए लिखा, ‘बेरोजगारी दूर करने और 15 लाख खाते में आने के लिए कितने नींबू की जरूरत पड़ेगी’?

बता दें कि इस दौरान राजनाथ सिंह ने राफेल की डिलेवरी को दशहरे से भी जोड़ा। उन्होंने कहा, ‘भारत नें आज दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है। इसे विजयादशमी भी कहते हैं जो बुराई पर जीत का प्रतीक है। यह भारत का 87वां एयरफोर्स डे भी है। इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ गया है।आज का दिन भारत-फ्रांस के रणनीतिक संबंधों के मामले में मील का पत्थर है।’

इसपर ऐतराज़ जताते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दशहरे से राफेल को जोड़ने का क्या तुक था।

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