जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है। वैसे वैसे किसान संगठनों ने भी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा और बुलंद कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को किसान आंदोलन की वजह से बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में। जो कि किसानों का गढ़ माना जाता है।
इस वक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल पार्टी को लोगों का ज्यादातर समर्थन मिल रहा है।
इसी बीच उत्तर प्रदेश में होने वाले गढ़मुक्तेश्वर के कार्तिक मेले पर भी राजनीति शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश में गढ़मुक्तेश्वर मेले को छोटा कुंभ माना जाता है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले गढ़मुक्तेश्वर मेला नेताओं के लिए सियासी जमीन बन गया है।
लोगों का इस मामले में कहना है कि इस बार इस मेले में ज्यादा नेता पहुंचे हैं। पहले कभी भी इतने राजनेता इस मेले में नजर नहीं आए।
खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को लुभाने के लिए कई राजनीतिक दलों के नेता इस मेले में आ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी गढ़मुक्तेश्वर मेले में पहुंचे।
जहां उन्होंने किसान संगठनों की ताकत का प्रदर्शन किया। हजारों किसान नेताओं के साथ उन्होंने पंचायत की।
इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार कमल के फूल का पूरी तरह सफाया करना है। इस बार भाईयो कमल की सफाई करनी है, सूबे से कमर कस लो।
किसान नेता राकेश टिकैत भी किसान संगठनों को राजनीतिक तौर पर मजबूत दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। राकेश टिकैत 22 तारीख को लखनऊ में भी पंचायत करने जा रहे हैं।
उनका कहना है कि अगर इस पंचायत को सरकार द्वारा रोकने की कोशिश की गई। तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उतरने नहीं दिया जाएगा।