प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में भाषण देते वक़्त ये दावा किया है कि ‘”सभी जगह के लोग हमारे अपने हैं।” लेकिन उनके इस बयान पर पत्रकार राणा अय्यूब ने ट्वीट कर आपत्ति जताई है।

राणा ने प्रधानमंत्री के भाषण को कोट करते हुए लिखा कि सर, कृपया ये भाषण घर वापस आने के बाद भी दें चलिए 80 लाख कश्मीरियों को भी उनके मन की बात करने का मौका दें

आपको बता दें कि राणा अय्यूब अकेली नहीं हैं जो उनके बयान से इत्तेफ़ाक नहीं रखतीं। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी UN में अपना भाषण दे रहे थे तो दूसरी तरफ उनके खिलाफ अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। प्रदर्शनकरियों ने नारे भी लगाए कि “यहाँ आपका स्वागत नहीं है मोदी।” उनका आरोप है कि मोदी और उनकी पार्टी गैर हिंदुओं से छुटकारा पाना चाहते हैं और वो मूल निवासियों को बेघर करके उनके अधिकारों का भी हनन करते हैं।

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दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में 7 दिन का दौरा करने गए थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली की 9वीं पूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए भारत के कवि कनियन के कथन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि “हम सभी स्थानों के लिए अपनेपन का भाव रखते हैं। और सभी लोग हमारे अपने हैं।”

उनकी इसी बात पर राणा अय्यूब ने सवाल उठाए हैं। राणा ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि अगर वो सभी को अपना मानते हैं तो वो कश्मीरियों को भी बोलने की आज़ादी दें।

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आपको बता दें कि भाजपा सरकार ने अगस्त में आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया था। इसके बाद कश्मीर में धारा 144 लगा दी थी और लोगों को अपने घरों में बंद होना पड़ा था। इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर की मुख्य पार्टियों के नेताओं को भी घर के अंदर क़ैद कर दिया गया था।

अब भारत के पत्रकारों से लेकर विदेश के प्रदर्शनकारी तक ये सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के अपनेपन में सभी आते हैं, या नहीं? अगर आते हैं तो वो कश्मीरियों की मन की बात क्यों नहीं सुनते?

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