गुजरात के नर्मदा ज़िले में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनावरण किया। अनावरण के बाद वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने फ्लाईपास्ट किया, इसके अलावा मिग हेलिकॉप्टरों के द्वारा मूर्ति पर फूल भी बरसाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मूर्ति के पास पहुंच कर यहां पूजा-अर्चना की।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं, जब वो पूर्णता का अहसास कराते हैं। आज वही पल है जो देश के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है, जिसे मिटा पाना मुश्किल है।

पीएम मोदी ने कहा कि हम आजादी के इतने साल तक एक अधूरापन लेकर चल रहे थे, लेकिन आज भारत के वर्तमान ने सरदार के विराट व्यक्तित्व को उजागर करने का काम किया है। आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तो ये काम भविष्य के लिए प्रेरणा का आधार है।

उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे सरदार साहब की इस विशाल प्रतिमा को देश को समर्पित करने का मौका मिला। पीएम मोदी ने कहा कि इस प्रतिमा के निर्माण में किसानों ने भी योगदान किया।

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जबकि मूर्ति के आसपास के गांवों के हजारों आदिवासी समुदाय के किसानों की बात करें तो वह इस कदम का विरोध कर रहे हैं। करीब 75000 आदिवासी 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं।

इन आदिवसियों का कहना है कि वो गुजरात के महान बेटे सरदार पटेल के खिलाफ नहीं हैं। बल्कि सरकार द्वारा किए जा रहे दमन और शोषण के खिलाफ़ हैं।

विरोध कर रहे आदिवासियों का कहना है कि गुजरात सरकार ने विकास ने नाम पर हमारी ज़मीन तो ले ली लेकिन मुआवज़ा नहीं दिया और न ही पुनर्वास करवाया।

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पत्रकार एवं लेखिका राणा अय्यूब ने इसपर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “इस स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की विडंबना यह है कि यह उस राज्य में ऊंचा खड़ा है जहां हज़ारों ज़िंदगियों को खूनी राजनीतिक जीत को सुनिश्चित करने के लिए कुर्बान कर दिया गया। और जो आदमी दूसरी तरफ़ देखता है वह प्रतिमा का अनावरण कर रहा है”।

ग़ौरतलब है कि सरदार पटेल की इस प्रतिमा का नाम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी रखा गया है। इस मूर्ती को भारतीय एकता का प्रतीक बताया जा रहा है।

सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि इस प्रतिमा को गुजरात में बनाया गया है, जो देश के सबसे बड़े सांप्रदायिक दंगे का केंद्र रहा है। और इस प्रतिमा का अनावरण उन्हीं नरेंद्र मोदी ने किया है जिनपर दंगों को भड़काने के आरोप लगे थे।

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