आर्थिक संकट से जूझ रहे भारत के लिए एक और बुरी ख़बर आई है। खुदरा (रिटेल) महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.21% पहुंच गई। यह 10 महीने में सबसे ज्यादा है।

सेंट्रल स्टैट्स्टिक्स ऑफिस (सीएसओ) की ओर से जारी किए गए प्राइस डेटा के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से अगस्त में खुदरा महंगाई दर दर जुलाई के 3.15 फीसदी से बढ़कर 3.21 फीसदी हो गई। इसके साथ ही फूड बास्केट की महंगाई दर 2.99% पहुंच गई। जो कि जुलाई में 2.36% थी।

हालांकि, महंगाई दर का ये आंकड़ा अभी भी भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय लक्ष्य के दायरे में ही है। आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4 फीसद के इर्द-गिर्द रहे। ब्याज दरें तय करते समय खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखा जाता है। लक्ष्य से कम महंगाई दर बाजार में मांग कम होने का संकेत देती है। ऐसे में आरबीआई द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीद रहती है। खुदरा महंगाई दर 13 महीने से 4% के नीचे बनी हुई है।

वहीं औद्योगिक उत्पादन की बात करें तो यहां राहत की ख़बर है। बुनियादी क्षेत्रों में उत्पादन में बढ़ोतरी से जुलाई में औद्योगिक ग्रोथ बढ़कर 4.3 फीसदी हो गई। जून में यह आंकड़ा महज़ 1.2 फीसद था।

इसके साथ ही महीने के आधार पर आईआईपी ग्रोथ में तेज़ी देखने को मिली। सालाना आधार पर देखें तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गतिविधियां सुस्त रहने की वजह से आईआईपी ग्रोथ पर ज्यादा असर पड़ा। इस सेक्टर की ग्रोथ 4.2% रही। पिछले साल जुलाई में 7% थी।

महीने के आधार पर सब्जियों की महंगाई दर की बात करें तो जुलाई में ये दर 2.82 फीसदी से बढ़कर 6.90 फीसदी पर पहुंच गई है जबकि बिजली और ईंधन की महंगाई दर जुलाई के -0.36 फीसदी के मुकाबले -1.7 फीसदी रही है। वहीं हाउसिंग महंगाई 4.87 फीसदी से घटकर 4.84 फीसदी हो गई।

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