मीडिया में आज एक तस्वीर चल रही है जिसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ में एक अस्पताल का फीता काटते नजर आ रहे हैं।

जिस स्थान पर सीएम योगी फीता काट रहे हैं, उसे सजाया संवारा गया है। गुब्बारे लगाए गए हैं।

शर्मसार करने वाली बात है कि जिस प्रदेश में हजारों लोग ऑक्सीजन के अभाव में तड़प तड़प कर मर गए, वहां एक अस्पताल में ऐसे समारोह किए जा रहे हैं।

हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्यप्रताप सिंह ने इस उद्घाटन समारोह पर सीएम योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथों लिया है।

सूर्यप्रताप सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के फीता काटने वाली तस्वीर को ट्वीटर करते हुए लिखा है कि “चाहे जितने भी लोग मर जाएं, ऑक्सीजन मिले या न मिले, फीता जरुर कटेगा. चाहे वा शवदाह गृह हो या शव विश्राम स्थल”

पूर्व आईएएस ने लिखा है कि कौन समझाएं इन्हें, ऐसे कामों से लोग चिढ़ते हैं। आम आदमी ऐसे व्यवहार को नापसंद करता है। योगी आदित्यनाथ ने जिस डीआरडीओ अस्पताल का फीता काटा है, वहां पर दो दिनों से ऑक्सीजन नदारद है लेकिन योगी आदित्यनाथ फीता काट रहे हैं।

लखनउ में 4000 बेड और केजीएमयू में 4500 बेड बनाने का आदेश दिया गया था, लेकिन ये आदेश कहां चला गया, ये किसी को पता नहीं!

वहीं वरिष्ठ पत्रकार रोहिणी सिंह ने सीएम योगी की इस हरकत पर तंज कसते हुए कहा है कि “ऐसे बुरे वक्त में जब बिना सांस और ऑक्सीजन के उत्तर प्रदेश दम तोड़ रहा है, तब इन गुब्बारों में हवा भरने का साहस किसने दिखा दिया !

जाहिर तौर पर जब पूरी यूपी कोरोना के कहर से कराह रही हो, लोग ऑक्सीजन और बेड के अभाव में मर रहे हो, एक मुख्यमंत्री का इस तरह से एक अस्पताल समारोहपूर्वक उद्घाटन करना असंवेदनशीलता को दिखाता है।

कोरोना की दूसरी लहर आए भी लगभग एक महीने का वक्त हो गया है। कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक सरकार को 14 महीने का वक्त मिला था, जिसमें वो राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त कर सकती थी लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो पश्चिम बंगाल में टीएमसी के गुंडों को सुधारने की बातें कर रहे थे।

काश ! वक्त रहते उन्होंने अपने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की पहल करते तो इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौतें नहीं होती !

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