समाजवादी पार्टी की नेता एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने देश में बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एक लेख के ज़रिए अफसोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि मौजूदा समय में देश की संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सबसे ज़्यादा है, लेकिन इसके बावजूद महिलाओं के साथ उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं।

ऋचा सिंह का लेख-

सच कहूं तो महिला सांसदों की यह तस्वीर देखकर न जाने कितनी लड़कियां खुश होती होंगी की हमारा प्रतिनिधित्व हमारी महिला सांसद इस देश के सदन में करती हैं। जो हमारी आवाज़ जाति, दल, राजनीति से ऊपर उठकर करेंगी।

17वीं लोकसभा में सबसे अधिक महिला सांसद चुनकर संसद में पहुंचती हैं। पर तमाम आम लड़कियों को बेहद निराशा होती है जब आप महिलाओं/ लड़कियों के तमाम मुद्दों सुरक्षा- शिक्षा पर चुप दिखायी पड़ती हैं। अभी हॉल में ही आप सबका एक संसद में देखने को मिला था जब आप महिला सम्मान के क़सीदे पढ़ रही थीं और अपने आपको “आधी आबादी” का चेहरा बता रही थीं, क्योंकि बात आपने बीच की एक महिला की थी, समय राजनीतिक मुद्दा बनाने का था, स्मृति ईरानी जी का गुस्सा देखते ही बनता था, पर स्मृति ईरानी जी आपको क्या हो जाता है, आपका गुस्सा कहाँ काफूर हो जाता है जब उन्नाव रेप पीड़िता न्याय की गुहार लगाते 2 मौत दरवाजे तक पहुंच जाती है।

आप का कंधा उन लड़कियों के साथ क्यों नहीं है जब एक महाविद्यालय की लड़कियां ये कह रही हैं कि पूर्व सांसद बाबा चिन्मयानंद ने उनका कई वर्षों तक शारीरिक शोषण किया है, रे प के आरोपी चिन्मयानंद पर से जब उत्तर प्रदेश सरकार बलात्कार का केस वापस लेने की बात करती है तब भी आपकी चुप्पी “आधी आबादी” को बेहद अखरती है।

बीएचयू से लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय, में यौन उत्पीड़न के आरोपीयों को आपकी सरकार बचाती है और महिला एवं बाल कल्याण विभाग में होने के बावजूद छात्राओं की शिकायतों पर कार्वाही तो दूर की बात है खेद तक नहीं प्रकट कर पाती हैं । क्योंकि ये सब आम लड़कियाँ थीं।

पिछले दिनों IIT कानपुर में एक विदेशी छात्रा के यौन शोषण का भी मामला सामने आया, पूरा देश शर्मसार है पर आप महिला सांसदों की ओर से इन महिलाओं के लिए दिन ब दिन असुरक्षित होते माहौल पर कोई चिंता व्यक्त न करना बेहद चिंताजनक और निराश करने वाला है।

अपील है आप सबसे रे प के आरोपी बाबा चिन्मयानंद पर अभी तक FIR तक नहीं दर्ज हो पायी है लड़की और उसके माता पिता खौफ़ के साये में जी रहे हैं। पूरा देश आपके चुप्पी तोड़ने का, आम लड़कियों के साथ खड़े होने का इंतज़ार कर रहा है।

3 COMMENTS

  1. राजनीति में पार्टी हित और वोट-बैंक ही सर्वोपरि होता है। महिलाओं का उत्पीड़न कोई नयी बात नहीं है यह बात सच है वर्तमान में अपराधियों को बचाने के लिए बेशर्मी की सारी हदे पार कर दी गयी हैं पर हमेशा विपक्ष को ही यह घटनाएं प्रभावित करती है सत्ता पक्ष सदैव उदासीन ही रहा है। रिचा सिंह सपा नेत्री हैं इसलिए प्रतिक्रिया आ रही जब सत्ता पक्ष मे रहेंगी तो यह भी पार्टी हित मे मौन ही रहेंगी।

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