सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता अब ख़ुद को अदालत से भी ऊपर समझने लगे हैं। उनकी नज़र में अदालत की गाइडलाइन उनकी मर्ज़ी से बड़ी नहीं। भोपाल से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अदालत के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें नवरात्र पर लाउडस्पीकर और डीजे देर रात तक बजाने पर प्रतिबंध है।

भोपाल में मीडिया से बात करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि नवरात्र पर डीजे ज़रूर बजाया जाएगा, भले ही कोर्ट ने इसपर रोक के आदेश दिए हों। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सारे नियम कायदे कानून क्या सिर्फ हिन्दुओं के लिए हैं। हम इसे नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि ये तो हमारी आस्था का मामला है, इसमें कानून और प्रशासन को ना लाया जाए।

इस दौरान पत्रकारों ने जब बीजेपी सांसद को लाउडस्पीकर के मामले में कोर्ट के फैसले की याद दिलाई तो उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि वह कोर्ट के फैसले से इत्तेफाक़ नहीं रखती और न ही उन्हें यह फैसला मंजूर है।

यह कोई पहला मौका नहीं जब साध्वी प्रज्ञा ने किसी आदेश को मानने से साफ़ इनाकार किया हो। इससे पहले हाल ही में भोपाल में नाव हादसे के बाद दुर्गा पंडालों और प्रतिमाओं को लेकर जिला प्रशासन की गाइडलाइन को भी प्रज्ञा ने हिन्दुओं के खिलाफ कहा था। प्रज्ञा ने कहा था प्रशासन का आदेश हिंदू विरोधी है। प्रज्ञा ने दुर्गा पंडालों में डीजे साउंड बजाने की समय सीमा तय करने पर कहा कि साउंड तब तक चलेगा जब तक उनका मन होगा।

बता दें कि साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी हैं। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हें टिकट देकर भोपाल से अपना लोकसभा उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गईं। चुनावों के दौरान ही साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई के एटीएस प्रमुख रहे और आतंकवादियों की गोली से शहीद हुए हेमंत करकरे पर अपमानजनक बयान दे डाला था। हालांकि बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो उन्होंने बयान वापस लेते हुए माफी भी मांग ली थी।

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