उत्तर प्रदेश के अयोध्या से दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है। जिसे देखकर साफ हो जाता है कि योगीराज में गौवंश की हालत बेहद खराब है।
एक ओर जहां सरकारें गौशालाओं के नाम पर लाखों, करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करती हैं तो वहीं हकीकत इसके उलट है। अयोध्या में गौवंशों के तड़प तड़प कर मरने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।
इसी बीच एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें मर चुकी गायों को अमानवीय तरीके से ट्रैक्टर से घसीटा जा रहा है।
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने ट्वीटर के जरिए इस मुद्दे पर सत्ताधारी भाजपा को घेरा है।
पार्टी की ओर से कहा गया है कि “अयोध्या में सरकारी गौशाला के भीतर गौ माता को ट्रैक्टर के जरिए खींचा गया. यह बेहद शर्मनाक एवं निंदनीय है। भाजपा की सरकार में गौवंशों की हालत बद से बदतर होती जा रही है”
भाजपा सरकार में गोवंशों की स्थिति बद से बदतर है।
अयोध्या में सरकारी गौशाला के भीतर गौ माता को ट्रैक्टर के जरिए खींचा गया। शर्मनाक एवं निंदनीय!
गौ माता के नाम पर वोट लेने वाली एवं अत्याचार करने वाली भाजपा को प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी। pic.twitter.com/QsbUhynvsN
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 25, 2021
समाजवादी पार्टी ने गौमाता के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा की खिंचाई करते हुए कहा कि गौमाता के नाम पर वोट लेने वाली एवं गौमाता पर अत्याचार करने वाली भाजपा को प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
इस वीडियो के वायरल होते ही यूपी के प्रशासनिक एवं सियासी गलियारे में हड़कंप जैसा मच गया। इसके बाद यूपी शासन ने इसके जिम्मेवार लोगों को निलंबित कर दिया है।
मामला अयोध्या की सोहावल तहसील के पास के एक गौशाला का है। वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बेहद अमानवीय तरीके से मृत गायों को ट्रैक्टर से घसीट कर इधर उधर किया जा रहा है।
जिस निर्ममता से इस कुकृत्य को अंजाम दिया जा रहा है, वह इंसानियत को शर्मसार करने वाला है।
मालूम हो कि योगी सरकार ने गौवंशों के संरक्षण के लिए गौशालाओं के निर्माण की योजना बनाई थी।
इसके लिए सभी जिलों में लाखों रुपये खर्च कर गौशालाओं का निर्माण भी कराया गया लेकिन ये निर्माण सिर्फ विज्ञापन तक ही सीमित रह गया। आए दिन यूपी के अलग अलग हिस्सों से गौवंशों की दुर्दशा की तस्वीरें और वीडियो सामने आते रहते हैं।
गौवंशों की दुर्दशा के मामले सामने आते ही लीपापोती का खेल शरु हो जाता है। कुछ कमजोर लोगों पर कार्रवाई हो जाती है और कुछ दिन बीत जाने के बाद सब कुछ पूर्ववत चलता रहता है।
देख कर लगता है कि यूपी में गाय माता सिर्फ वोट मांगने का हथियार है। चुनाव बीत जाने के बाद गौपुत्र मां को भूल जाते हैं और ऐसी ही तस्वीरें और वीडियो सामने आने लगते हैं।