योगी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई गरीब कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए हैं। जिसके बाद अब सोशल मीडिया पर आपत्तियों की बौछार हो रही है।

लोगों का कहना है कि मंत्री सतीश द्विवेदी ने अपने बल का प्रयोग करके अपने भाई को गरीब कोटे से नियुक्ति दे दिया है।

इतना ही नहीं, लोगों द्वारा आपत्ति जताने पर मंत्री सतीश द्विवेदी अपने भाई को असिस्टेंट बनाने के पक्ष में सारे साक्ष्य मौजूद होने का दावा भी कर रहे हैं।

जिसपर पूर्व IAS अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने आपत्ति जताते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ तथा बेसिक उच्च शिक्षा मंत्री को उचित कार्यवाही हेतु शिकायत पत्र लिखा और ट्वीट में लिखा कि UP शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण कुमार @अरुण द्विवेदी की EWS कोटे से सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बनने के मामले में जाँच हेतु पत्र. शीघ्र जाँच व उचित कार्यवाही की उम्मीद.

तथा एबीपी के वरिष्ठ पत्रकार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि “यूपी के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी कमाल के निकले. अपने भाई को EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बनवा दिया.

भाई और उनकी पत्नी दोनों पहले से नौकरी कर रहे थे लेकिन सरकारी फाइल में ‘गरीब’ बन गए. उम्मीद है योगी आदित्यनाथ जी इसकी जाँच करवायेंगे”

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने लिखा- “UP में विकास का नामोनिशान नहीं सिर्फ भ्रष्टाचार ही शेष! शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने पद का दुरुपयोग कर अपने भाई को EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर बनवाकर दिलवाई सरकारी नौकरी।

अपने मंत्री के कारनामे पर कब तक खामोश रहेंगे CM? मंत्री का इस्तीफा लेकर निरस्त हो नियुक्ति। मिले सजा।”

आपको बताते चलें, यूपी में योगी जी का शिक्षा विभाग लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।

अभी हाल ही में कुछ दिन पहले पंचायत चुनाव में शिक्षक, कर्मचारियों की मौत के मामले में तो वहीं, अब बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी द्वारा गरीब के कोटे के माध्यम से अपने ही भाई को असिस्टेंट के पद पर नियुक्ति दे देना।

जोकि बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है कि मंत्री का भाई इतना गरीब है कि उसे गरीब के कोटे से असिस्टेंट के पद पर नियुक्ति देनी पड़ जाती है।

जिस पर तमाम बड़े दिग्गज व्यक्तियों ने सतीश द्विवेदी के भाई की नियुक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं जिसमें अमिताभ ठाकुर, डॉ नूतन डॉ, अरुण कुमार उर्फ अरुण द्विवेदी प्रमुख हैं।

हालांकि सतीश द्विवेदी ने इस बात का दावा किया है कि ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के सारे साक्ष्य मेरे पास मौजूद है।

यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ सुरेन्द्र दूबे ने भी कहा कि यदि EWS सर्टिफिकेट फर्जी होगा तो वे दंड के भागी होंगे. बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी का बयान अभी तक नहीं मिल पाया है।

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