एक तरफ उत्तराखंड में महाकुंभ महोत्सव मनाया जा रहा है। दूसरी तरफ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं।
यूं तो उत्तर प्रदेश में बढ़ रही कोरोना संक्रमण को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। लेकिन महाकुंभ से पहले फूटे कोरोना बम को नजरअंदाज करते हुए आज शाही स्नान के लिए हरिद्वार महाकुंभ में लाखों लोगों को जाने अनुमति देकर लोगों से की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
बता दें, रविवार को महाकुंभ में साधू संतों समेत 400 श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
इस मामले में समाजवादी पार्टी ने भाजपा को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर लिखा है कि “टीका उत्सव मना रहे मुख्यमंत्री, “चिता उत्सव” मना रही राजधानी लखनऊ, शर्मनाक! संक्रमण से भयावह हुए हालात, नगर निगम को शवों के अंतिम संस्कार के लिए 70 नए प्लेटफार्म का करना पड़ा निर्माण, सीतापुर से मंगाई जा रही लकड़ियां। “स्टार प्रचारक” बन चुनाव प्रचार में व्यस्त मुख्यमंत्री।
" टीका उत्सव मना रहे मुख्यमंत्री, "चिता उत्सव" मना रही राजधानी लखनऊ, शर्मनाक!
संक्रमण से भयावह हुए हालात, नगर निगम को शवों के अंतिम संस्कार के लिए 70 नए प्लेटफार्म का करना पड़ा निर्माण, सीतापुर से मंगाई जा रही लकड़ियां।
"स्टार प्रचारक" बन चुनाव प्रचार में व्यस्त मुख्यमंत्री। pic.twitter.com/t1vE6fRLCj
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 12, 2021
दरअसल इस ट्वीट में पार्टी ने दो खबरों को भी शेयर किया है। जिसमें से एक खबर है कि सुबह अंतिम संस्कार के लिए रात को ही चिताऐं जलाने के लिए तैयारी की जा रही है।
वहीं दूसरी खबर यह है कि अंतिम संस्कार के लिए लखनऊ में लकड़ियां खत्म हो गई है। जिसके चलते सीतापुर से आठ ट्रक भरकर लकड़ियां मंगवाई गई है।
इसके साथ 60 प्लेटफार्म सिर्फ कोरोना से मरने वालों लोगों के अंतिम संस्कार के लिए तैयार किए गए हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण से इस वक्त स्थिति काफी खराब हो चुकी है।
जिसके चलते नगर निगम अब रात में ही चिताओं को तैयार कर देगा और सुबह के वक्त आने वाले शवों का अंतिम संस्कार करने में देरी नहीं की जाएगी।
शवों की संख्या बढ़ने की वजह से राज्य में लकड़ी के संकट शुरू हो गया है। लखनऊ में इस वक्त अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ियां ही नहीं मिल पा रही हैं।