भीमा कोरेगांव हिंसा के मुख्य संदिग्ध और दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े उर्फ गुरूजी को महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। फडणवीस सरकार ने भिडे पर चल रहे 6 दंगों के मामले वापस ले लिए हैं। ये जानकारी एक RTI के जावब में सामने आई है।

मुंबई के आरटीआई एक्टिविस्ट शकील अहमद शेख ने RTI के माध्यम से जानकारी मांगी थी कि 2008 से अब तक नेताओं और अन्य लोगों के खिलाफ कितने मामले वापस लिए गए हैं। इसके जवाब में आरटीआई ने बताया कि सरकार ने जून 2017 से अब तक लगभग 6 सर्कुलर जारी किया है।

ये सर्कुलर BJP, शिवसेना नेता और अन्य कार्यकर्ताओं पर केस वापस लेने से संबंधित हैं। सरकार ने पिछले एक साल में कुल 41 केस वापस लिए हैं जिनमें से 14 मामले बीजेपी, शिवसेना के विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के हैं।

RSS के कार्यकर्ताओं पर दर्ज दंगे के छह में से तीन मामले भी वापस लिए गए हैं। फिल्म जोधा अकबर की रिलीज के वक्त इस दंगे का नेतृत्व सांभाजी भिड़े की अगुवाई वाली शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान ने किया था।

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कुल मिलाकर बात ये है कि महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार की कृपा से सैकड़ों दक्षिणपंथी दंगाई अपराध मुक्त हो चुके हैं। अब सवाल उठता है कि क्या शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के संस्थापक संभाजी भिडे को भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच से भी मुक्त कर दिया गया है?

तो जवाब है नहीं। संभाजी भिड़े और अन्य के खिलाफ भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में कोई चार्ज नहीं हटाया गया है। पुणे के एसपी संदीप पाटील ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए बताया कि भीमा कोरेगांव मामले में ”जांच जारी है”

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