कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान देश के लाखों लोग की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता चला जा रहा है। खास तौर पर कुछ राज्य बुरी तरह से कोरोना संक्रमण की चपेट में है।

जहां अस्पतालों में लोगों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। ज्यादातर लोगों की जान इलाज के अभाव में ही जा रही है।

बात करें उत्तर प्रदेश की तो योगी सरकार इन तथ्यों को कई बार नकार चुकी है कि राज्य में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स की कमी की वजह से लोगों की जान जा रही है।

अब खबर सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता को बचाने की जगह पालतू जानवरों को बचाने को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। खबर के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक गौरक्षा हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश दिए हैं।

सरकार की तरफ से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की सक्रियता को देखते हुए राज्य की सभी गौशालाओं में कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए।

योगी सरकार ने सख्त हिदायत दी है कि राज्य की गौशालाओं में गायों और अन्य जानवरों के लिए पूरे मेडिकल उपकरण ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर उपलब्ध करवाए जाएं।

इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने लिखा है कि “क्या आपको इस कोरोना की महामारी के दौरान आदित्यनाथ जी Oxygen, बेड, वेंटिलेटर या अंतिम संस्कार करवाने में कोई सहायता चाहिये। Sorry नही मिल पायेगी क्यूँकि महाराज अभी हर जिले में गाय की “Help Desk” बनवाने में व्यस्त हैं।”

आपको बता दें कि उनकी सरकार पर विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि योगी सरकार की लापरवाही के कारण आज राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।

एक बार फिर योगी सरकार द्वारा लिया गया फैसला सवालों के कटघरे में आ खड़ा हुआ है। सोशल मीडिया पर भी योगी आदित्यनाथ का ये फैसला सुर्ख़ियों में बना हुआ है।

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