अर्थव्यवस्था पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने चिंता ज़ाहिर की है। मगर टीवी मीडिया अभी भी इन मुद्दों पर मौन है वो अभी भी पाकिस्तान को चुनौती में देने में व्यस्त है।

मगर दूसरी तरफ नीति आयोग के उपाध्यक्ष ये बात खुले तौर पर मान रहें है कि पिछले 70 सालों में नगदी की ऐसी कमी नहीं देखी गई है, उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।

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आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा- अब तो ख़ुद नीति आयोग के उपाध्यक्ष मान रहे हैं देश की अर्थव्यवस्था 70 सालों में सबसे बुरे दौर में है, लेकिन ये बात TV के भोपूँ तब तक नही मानेंगे जब तक उनका चैनल बन्द न हो जाए ये सब नोटबंदी का दुष्परिणाम है जो देश भुगत रहा है।

क्या कहा नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने?

दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे पिछले 70 सालों में किसी ने ऐसी परिस्थिति नहीं देखी जहाँ सारा वित्तीय क्षेत्र उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र में कोई भी दूसरे पर भरोसा नहीं कर रहा है। कोई भी किसी को कर्ज़ देने को तैयार नहीं है, सब नकद दाबकर बैठे हैं। ऐसा कहना है नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का जिन्होंने गिरती अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रखी।

गिरती अर्थव्यवस्था पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष बोले- 70 सालों में नकदी का ऐसा संकट कभी नहीं देखा

राजीव कुमार ने कहा कि हमें इस जड़ता वाली स्थिति को तोड़ने के लिए अभूतपूर्व क़दम उठाए जाने की आवश्यकता है। निजी क्षेत्र को सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की आशंकाओं को दूर करने के लिए सरकार को हरसंभव प्रयास करना चाहिए।

नोटबंदी,जीएसटी जैसे कानून पर बोलते हुए राजीव कुमार ने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी और आईबीसी (दीवालिया क़ानून) के बाद हर चीज़ बदल गई है। पहले 35 फ़ीसदी नक़दी उपलब्ध होती थी, वो अब काफ़ी कम हो गया है। इन सभी कारणों से स्थिति काफ़ी जटिल हो गई है।

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