‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का प्रयोग करते हुए 50 मशहूर हस्तियों ने पीएम मोदी को खुला पत्र लिखा था। इस पत्र में पीएम मोदी से लिं चिंग और देश में मुस्लिम और दलितों पर हो रहें जुल्म पर आवाज उठाई गई थी। तीन महीने पहले लिखे इस खुले पत्र का जवाब ना तो पीएम मोदी ने दिया और ना ही उनकी सरकार की तरफ से इसपर कोई बयान जारी किया उल्टा अब राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया है।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला दिया था। 50 मशहूर हस्तियों ने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए बताया था कि सिर्फ साल 2016 में 840 मामले दर्ज हुए जो सिर्फ दलितों के मामले में है। ऐसी घटनाओं पर सिर्फ निंदा करने से काम नहीं चलेगा। इसपर एक्शन लेने की शख्त ज़रूरत है अगर इसे वक़्त पर नहीं लिया गया तो अपराध और बढ़ सकता है।
इसी शिकायत पर वकील सुधीर कुमार ओझा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद ये FIR दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि इन शख्सियतों के खिलाफ राजद्रोह की धारा लगाई गई है। पेशें से वकील ओझा की पहली शिकायत नहीं है उन्होंने इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा चुके है।
वहीं इस मामले पर राजद्रोह का मामला दर्ज करने पर विपक्षी नेताओं ने निंदा की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह एक चौंकाने वाला और ठंडा विकास है। क्या संविधान के अनुच्छेद 19 का पुलिस अधिकारी और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के लिए कोई मतलब नहीं है? अगर इस तरह के “कानूनी” उत्पीड़न से मुक्त अभिव्यक्ति का मुकाबला किया जाता है, तो हमारा लोकतंत्र कहां बढ़ रहा है?
This is a shocking & chilling development. Does Article 19 of the Constitution have no meaning for a police officer & a Chief Judicial Magistrate? Where is our democracy heading if free expression is countered by this kind of "legal" harassment? https://t.co/WvTbxX2eM4
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 4, 2019
बता दें कि रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वकील सुधीर ओझा ने इस मामले पर कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने बीते 20 अगस्त को ही याचिका स्वीकार कर ली थी। मगर अब जाकर सदर पुलिस स्टेशन ने FIR दर्ज की है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वकील का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री मोदी के छवि ख़राब की है।
वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने की तरफ से कहा गया है कि FIR भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गयी है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं।