तीन साल पहले समाजवादी पार्टी में जो हडकंप मचा था उसके अब सुलझने के आसार दिखाई देने लगे हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और वरिष्ठतम नेता शिवपाल यादव की दोबारा सपा में वापसी हो सकती है। 20 सितंबर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवपाल की वापसी के सवाल पर नरमी बरतते हुए बड़ा बयान दिया।
उन्होंने कहा कि, “जो आना चाहे उन्हें हम पार्टी में शामिल कर लेंगे। शिवपाल यादव अगर पार्टी में आते हैं तो उनके लिए भी पार्टी के दरवाजे खुले हैं। हमारे ऊपर परिवारवाद के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन परिवार में लोकतंत्र है। परिवार एक है, अलग नहीं हैं। हमारी पार्टी सबके लिए खुली है, जो भी आना चाहे सबका स्वागत है, हम मुकदमा भी नहीं देखेंगे।”
आज सबसे बड़ी खबर: @yadavakhilesh और शिवपाल, दोनों ने बहुत सकारात्मक रुख दिखाया है। दोनों नेताओं को @samajwadiparty समर्थकों की भावनाओं की कद्र करते हुए साथ आने में हित भी है। हो सकता है दोनों की एकता से कई हवाबाजों की दुकानें बंद हो सकती हैं वो पूरी कोशिश करेंगे कि एकता न हो सके। pic.twitter.com/bHIkUXZE81
— सुभाष यादव (@scy1979) September 20, 2019
वहीं इस बारे में जब पत्रकारों ने शिवपाल यादव ने सवाल किया तो उन्होंने भी सकारात्मक बयान देते हुए कहा कि, “परिवार (सपा) में हमारे तरफ से पूरी गुंजाईश है। पहले भी थी अभी भी है।” शिवपाल ने इतना जरुर कहा कि, लेकिन षड्यंत्रकारियों को कैसे ठीक किया जाए। कुछ लोग षड़यंत्रकरी भी हैं। माना जा रहा है कि, अगर शिवपाल की दोबारा सपा में वापसी हो जाती है तो इससे पार्टी संगठन को बेहद मजबूती मिलेगी, जिसकी अभी सपा को सख्त जरुरत है।
गौरतलब है कि, सपा से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का गठन किया है। प्रसपा ने इस बार का लोकसभा चुनाव भी अकेले लड़ा। पार्टी के टिकट पर शिवपाल फिरोजाबाद से चुनाव भी लड़े लेकिन हार गए। परिवार में हो रही दूरियों से सपा को हो रहे नुकसान को देखते हुए मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश और शिवपाल की कई बार सुलह कराने की कोशिशें कर चुके हैं।
मगर अब खुद अखिलेश और शिवपाल ने आगे आकर मीडिया में एक होने के संकेत दिए हैं। मान जाता है कि तमाम सपा कार्यकर्ता और समर्थक भी अखिलेश-शिवपाल को एक साथ देखना चाहते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार में सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स डराती है। ये नए तरह का लोकतंत्र है।
ये लोगों के जरिए, लोगों का, लोगों के लिए लोकतंत्र नहीं है। झूठे मुक़दमे लगाने का है जो रह जाता है उसे मीडिया से बदनामी करवा दिया जाता है। विरोधियों के प्रति न्यूज़ बनवा (प्लांट) करवा दो।
Ji h Akhilesh Yadav ji Shri shivpal Yadav ji ek ho me Munil Yadav Badaun
Agar ye dono partya nhi milti hai to kuch bhi nhi kar payegi
Jai ho akhilesh bhaiya jai ho shivpal chacha
Sahab ek ho jao dono log cha-cha and akhi lesh bhaiya party Hy kaman pe pahuchegi writ me sir our hm log bhi aad lgaye hai