दलितों (Dalit) और मुसलमानों (Muslim) पर हो रहें हमले को लेकर जिन 50 मशहूर हस्तियों ने अपने देश के प्रधानमंत्री को खुला ख़त लिखा था। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी से कहा गया था कि मुसलमानों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों (Minority)को भीड़ द्वारा पीट पीटकर ह त्या (lynching) करना तत्काल रूकना चाहिए।
साथ ही ये भी अपील की गई थी कि इसपर सिर्फ निंदा करने से काम नहीं चलेगा, मगर अब इन्हीं मशहूर हस्तियों पर राजद्रोह का मुकदमा लगाते हुए उत्तर प्रदेश (UP) के मुजफ्फरपुर में FIR दर्ज कर ली गई। एफआईआर दर्ज होने के बाद इस मामले पर पत्र लिखने वालों में शामिल फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल ने हैरानी ज़ाहिर की है।
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI) से कहा कि इस मामले का कोई मतलब नहीं बनता है क्योंकि भीड़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया खुला पत्र महज अपील था न कि कोई धमकी।
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यह पत्र महज एक अपील था। लोगों का इरादा जो भी हो, जो प्राथमिकी स्वीकार कर रहे हैं और हम पर इन सभी तरह के आरोप लगा रहे हैं, इन बातों का कोई मतलब नहीं बनता है। यह प्रधानमंत्री से अपील करने वाला पत्र था। यह कोई धमकी या अन्य बात नहीं थी जो शांति बिगाड़ती या समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करती है। उन्होंने ये भी कहा कि बिना असंतोष के लोकतंत्र नहीं होता है। जयश्रीराम भड़काऊ नारा हो गया है।
फ़िलहाल ये मामला अदालत के विचाराधीन है। वहीं दूसरी तरफ पत्र लिखने वालों में शामिल दूसरे फिल्मकार गोपालकृष्णन ने इस मामले पर कि उनके और अन्य हस्तियों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने पर उन्हें बिल्कुल विश्वास नहीं होता।
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बता दें कि रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वकील सुधीर ओझा ने इस मामले पर कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने बीते 20 अगस्त को ही याचिका स्वीकार कर ली थी। मगर अब जाकर सदर पुलिस स्टेशन ने FIR दर्ज की है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वकील का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री मोदी के छवि ख़राब की है।
वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने की तरफ से कहा गया है कि FIR भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गयी है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं।