रिज़र्व बैंक और मोदी सरकार में तकरार की खबरों ने सियासत में एक बार फिर हलचलें पैदा कर दी है। जिस तरह से डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने सरकार पर आरबीआई के कामों में दखल देने की बात कही।
उसे देख लगता है कि अब सीबीआई के बाद आरबीआई भी मोदी सरकार के दबाव में काम करना नहीं चाहती है। इस मामले पर लेकर विपक्ष ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है।
सीपीआईएम नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचूरी ने सोशल मीडिया पर लिखा- किसी की नहीं सुनी। सिर्फ़ जुमला कसना और लोगों से झूठे वायदे करना मोदी सरकार का उद्देश्य है।
CBI के बाद अब सरकार की RBI से ठनी, डिप्टी गवर्नर बोले- RBI को कमजोर कर रहे हैं मोदी
आर॰बी॰आई॰ के पूर्व गवर्नर की राय के ख़िलाफ़ नोटबंदी लागू कर के अर्थव्यवस्था तहस-नहस कर दी। अब फिर विनाश की ओर।
किसी की नहीं सुनी।सिर्फ़ जुमला कसना और लोगों से झूठे वायदे करना मोदी सरकार का उद्देश्य है। आर॰बी॰आई॰ के पूर्व गवर्नर की राय के ख़िलाफ़ नोटबंदी लागू कर के अर्थव्यवस्था तहस-नहस कर दी।अब फिर विनाश की ओर.. pic.twitter.com/Y4amke5RqJ
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 30, 2018
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आरबीआई से ब्याज दर कम करने को कहा था मगर ऐसा हुआ नहीं।
मोदी के चहेते अफ़सर राकेश अस्थाना रंगे हाथ पकड़े गए, उनकी वजह से CBI की छवि ख़राब हो रही हैः येचुरी
वहीँ आरबीआई का कहना है कि जिस तरह से सरकार बैंकों से लिए कर्ज को माफ़ कर रही है उसका नतीजा आने वाले समय में खतरनाक साबित हो सकता है।
आरबीआई का कहना है कि मोदी सरकार बैंकों के काम में दखल न दे तो ही अच्छा है।
नोट बंदी 2016 में हुई 2017 मे gst लागू हुआ