नरेंद्र मोदी ने कल अपने जन्मदिन के अवसर पर सरदार सरोवर बांध (नर्मदा नदी) पर पूजा किया। इस एक दिन के लिए गुजरात सरकार ने मोदी के कहने पर बांध को उनके सर्वोच्च ऊंचाई यानी 138.68 मीटर तक भर दिया। इससे गुजरात सहित मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में आफत आ गया है और 40 हज़ार लोग विस्थापित हो गए हैं।
गुज़रात के भरूच, नर्मदा और बड़ोदा जिले के 135 गांव बांध में पानी बढ़ने से पूरी तरह से डूब चुके हैं। यहाँ के मवेशी मर चुके हैं,5 हज़ार लोग अपने घरों से बाहर है। इससे बड़ी आपदा मध्यप्रदेश के लिए आया है। यहाँ के 178 गाँव पानी में डूब चुके हैं और 20 गांव डूबने वाले हैं। धार जिले का ऐतिहासिक गाँव चिखलदा का अब नामोनिशान भी नहीं है।
यहाँ से सिर्फ गांधी की एक प्रतिमा को सुरक्षित निकाला जा सका है। यही स्थिति महाराष्ट्र के दर्जनों आदिवासी गांवो का है। आदिवासी बहुल मणिबेला गांव जिसने दुनिया भर के बांधो पर सवाल खड़ा किया था। अब जलमग्न हो चुका है।गांव के आदिवासी पास के पहाड़ी पर रहकर जिंदगी बचा रहे हैं। मवेशियों की लाशें पानी में तैर रही है।141 आदिवासी बच्चों का स्कूल हमेशा के लिए जल समाधि ले चुका है।
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हमारे प्रधानमंत्री भी बहुत क्रेजी है जब तक लोगों को मरते नहीं देखते, उन्हें पानी में डूबते नहीं देखते अपना जन्मदिन नहीं मानते हैं। जो अभी तक मोदी जी को जन्मदिन की बधाई नहीं दे सके हैं वे इन 40 हज़ार परिवारों की ओर से उन्हें देर से जन्मदिन की बधाई दे सकते हैं।
एक बात आखिरी कहनी थीं इन 40 हज़ार परिवारों के लिए एक अकेली महिला जो लड़ रही हैं उनका नाम मेधा पाटकर है।है न कमाल की बात। हीरो हिरोइनों से लबालब इस देश में 40 हज़ार परिवारों को बचाने की लड़ाई एक महिला सन 1989 से लड़ रही हैं।और हम सब सोए हुए हैं,सोते हुए ही मर भी जाएंगे। वैसे जिंदा थे ही कब ?
( ये लेख विक्रम सिंह चौहान की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )
ये हिटलर का देश बनता जा रहा है??
Andhabhaktu aur Gujarat ke minister ki najarme Meghapatkar Antinational (Adivasiyoki avaaj uthanevali)hai.Jai chokidar mahachor hai.