बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी है। इस बार सीएम नीतीश ने अपने विचारिक विरोधी राष्ट्रीय सेवक संघ(RSS) के लोगों से बंद कमरे में मुलाकात की है। वजह साफ़ है कि बिहार में अब विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में उन्हें अब बीजेपी के साथ साथ संघ की भी ज़रूरत समझ आने लगी है।
दरअसल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रामलाल और अखिल सह सम्पर्क प्रमुख रमेश पप्पा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। ये भी कहा जा रहा है कि ये मुलाकात इतनी गुपचुप तरीके से हुई कि पत्रकार तो दूर की बात इस बारें में खुद जेडीयू और बीजेपी के नेताओं तक को इस मुलाकात के बारे पता नहीं चला।
मगर फिर भी जब इस मुलाकात की बात सामने आई तो पता लगा कि संघ के नेता रामलाल और रमेश अप्पा दो दिनों से पटना दौरे पर हैं। इस मौके पर उन्होंने सीएम नीतीश कुमार ने मिलने का समय माँगा था। जिसके बाद खुद सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें समय दिया और बिना किसी शोर के वो संघ के नेताओं से मुलाकात भी कर लिया।
इस ख़बर पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को अपने निशाने पर लिया है। तेजस्वी ने कहा कि विगत 15 वर्ष में RSS जैसे ज़हरीले, मनुवादी, जातिवादी और सांप्रदायिक संगठन को खाद-पानी और बिहार में उनकी समाज तोड़क नफ़रती सांप्रदायिक नीतियों को लागू करने की खुली छूट देने वाले उनके पुराने मित्र नीतीश जी किसके डर से RSS से गुप्त मीटिंग कर रहे है?
विगत 15 वर्ष में आरएसएस जैसे ज़हरीले, मनुवादी, जातिवादी और सांप्रदायिक संगठन को खाद-पानी और बिहार में उनकी समाज तोड़क नफ़रती सांप्रदायिक नीतियों को लागू करने की खुली छूट देने वाले उनके पुराने मित्र नीतीश जी किसके डर से RSS से गुप्त मीटिंग कर रहे है? https://t.co/AKfr6sadGq
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 23, 2019
बता दें कि नीतीश कुमार बीजेपी के गठबंधन में आने के बावजूद ये कहते रहें है कि वो संघ के विचार का कभी समर्थन नहीं कर सकते। ऐसे में उनका संघ के नेताओं से मुलाकात का क्या मतलब हो सकता?
क्या उन्होंने इस मुलाकात में बिहार में होने वाले विधानसभा के बारे में चर्चा की या फिर ये मुलाकात सीट बटवारे को लेकर थी, इसका जवाब सिर्फ नीतीश कुमार दे सकते है।