बिहार के अलग-अलग जिलों में रेलवे के निजीकरण के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में शामिल हजारों लोग मांग कर रहे हैं कि रेलवे के निजीकरण पर रोक लगाई जाए साथ ही खत्म हो रही लाखों पदों की नौकरियों को फिर से बहाल किया जाए।

शुक्रवार को रोहतास, नवादा और औरंगाबाद समेत कई जिलों में युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और रेलवे के निजीकरण पर आपत्ति जताई।

सासाराम में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों का परिचालन रोक दिया, जिससे पुलिसकर्मियों और युवाओं में झड़प हो गई। पुलिसकर्मियों ने छात्रों पर आंसू गैस के गोले भी दागे।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, इस झड़प में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी और छात्र घायल हो गए।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है और इससे रिक्तियां अर्थात वैकेंसी खत्म हो रही हैं छात्र बेरोजगार हो रहे हैं और उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। इसलिए अलग-अलग जिलों में उन्होंने यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। कहा जा रहा है रेलवे से साढ़े तीन लाख से ज्यादा पदों को समाप्त किया जा रहा है।

हालांकि दूसरी तरफ रेलवे इसे महज अफवाह बता रही है और सफाई दे रही है कि ना तो रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है और ना तो इतने बड़े पैमाने पर रिक्तियां खत्म की जा रही

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