1 अप्रैल को दुनिया भर में अप्रैल फूल्स डे के रूप में मनाया जाता है। हिंदी में कहे तो ‘मूर्ख दिवस’। कहा जाता है कि इस दिन आप बिना किसी को नुकसान पहुंचाए उसका मजाक बना सकते हैं। इस दिन की सबसे बड़ी खासियत है कि अन्य दिनों की तरह इस दिन मूर्ख बना व्यक्ति नाराज नहीं होता।

भारत में भी सोशल मीडिया पर सुबह से तमाम तरह के ट्वीट और पोस्ट कर के ‘मूर्ख दिवस’ मनाया जा रहा है। जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया है कि ‘गजब संयोग है। आज मूर्ख दिवस है और आज ही RSS के संस्थापक हेडगेवार की जयंती भी है।’


दरअसल एक अप्रैल ‘मूर्ख दिवस’ के साथ-साथ RSS के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जयंती भी होती है। डॉ. हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर के ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जब वो महज 13 साल के थे तभी उनके पिता पंडित बलिराम पंत हेडगेवार और माता रेवतीबाई का प्लेग से निधन हो गया।


हेडगेवार भी शुरुआती दिनों में कांग्रेस में शामिल हो गए। 1921 के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया और एक साल जेल में बिताया। 1923 में सांप्रदायिक दंगों ने उन्हें पूरी तरह उग्र हिंदुत्व की ओर ढकेल दिया। हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना की और उस परिकल्पना को साकार करने के लिए 1925 में विजय दशमी के दिन डॉ. हेडगेवार ने संघ की नींव रखी।

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