कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की तंगी से हजारों लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में देश विदेश से कई एनजीओ इस समस्या को सुलझाने के लिए मदद कर रहे हैं।

इस वक्त भारत में ज्यादातर अस्पतालों के पास बेसिक स्वास्थ्य सुविधाएं भी मौजूद नहीं है। जिससे कोरोना मरीजों की जान बचाई जा सके।

ऑक्सीजन के कारण मचे हाहाकार के बीच स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य की जाने की कोशिश की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की संस्थाओं और बड़े उद्योगपतियों को बढ़-चढ़कर लोगों की मदद किए जाने का अनुरोध किया गया है।

बड़ी-बड़ी कंपनियों और उद्योगपतियों के साथ साथ के आम लोग भी मानवता के लिए कोरोना मरीजों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।

लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को यह हजम नहीं हो पा रहा है। क्योंकि योगी सरकार इस महामारी के दौरान लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहे लोगों पर मुकदमा दर्ज कर रही है।

खबर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक शख्स जोकि एंबुलेंस ड्राइवर है। अपनी तरफ से कोरोना से संक्रमित मरीजों को बचाने के लिए तिनका तिनका इकट्ठा कर मदद कर रहा है। लेकिन इस बात के लिए योगी सरकार ने इसे ईनाम नहीं बल्कि सजा देने का फैसला लिया है।

इस मामले में पत्रकार सचिन गुप्ता ने जानकारी देते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने कहा है कि “पत्नी के जेवरात बेचकर लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर बांट रहे एम्बुलेंस ड्राइवर रितेश उर्फ विक्की पर यूपी की जौनपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। विक्की अब तक 27-28 मरीजों की जान बचा चुका है। इसी बात की सजा उसको मिली है।”

आपको बता दे कि जौनपुर में एंबुलेंस ड्राइवर ने मानवता के हित में जो काम किया है। उसकी लोगों द्वारा काफी सराहा जा रहा है।

इस एंबुलेंस ड्राइवर रितेश को जौनपुर में ही नहीं। बल्कि उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन मैन के नाम से जाना जा रहा है।

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