कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे आखिरकार गिरफ़्तार कर लिया गया है। उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर से गिरफ़्तार किया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस विकास दुबे की तलाश पिछले एक हफ्ते से कर रही थी।

विकास की इस तरह अचानक दूसरे राज्य से हुई गिरफ़्तारी पर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। विपक्षी दल के कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि ये गिरफ्तारी नहीं बल्कि पहले से प्लान किया गया एक सरेंडर है। जो विकास को बचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र द्वारा करवाया गया है।

समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह यादव ने कहा कि जिस तरह से विकास दुबे मध्य प्रदेश में पाया गया है, उसमें बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्र की भूमिका हो सकती है। इसलिए मामले की पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए।

उन्होंने फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए कहा, “क्या यह महज संयोग है कि 2017 और 2019 में नरोत्तम मिश्र BJP के कानपुर/बुंदेलखंड प्रभारी थे और कानपुर के विकास दुबे को ‘सरंक्षण’ उस मध्यप्रदेश में मिलता है जहां के वे गृहमंत्री है। इसलिये CDR को सार्वजनिक करना जरूरी है। सत्ता की सरपरस्ती का घिनौना खेल भाजपा खेल रही है।”

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी विकास की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े करते हुए मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता की भूमिका होने की बात कही है। ऐसा माना जा रहा है कि उनका इशारा नरोत्तम मिश्र की ओर ही है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “यह तो उत्तरप्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेण्डर लग रहा है। मेरी सूचना है कि मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है। जय महाकाल।”

बता दें कि पिछले एक हफ्ते से उत्तर प्रदेश पुलिस विकास दुबे की तलाश कर रही थी। ऐसा माना जा रहा था कि अगर दुबे यूपी पुलिस के हत्थे चढ़ता है तो उसका एनकाउंटर हो सकता है। लेकिन इससे पहले यूपी पुलिस उसे तलाश कर पाती मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ़्तार कर लिया। विकास मंदिर में छुपा है इस बात की जानकारी मंदिर के ही एक एक गार्ड ने पुलिस को दी थी।

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