मोदी सरकार विश्व बैंक द्वारा जारी की गई ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की लिस्ट में भारत की छलांग पर सीना चौड़ा कर रही है। लेकिन हकीकत इसके कहीं उलट है। 31 अक्टूबर को आई इस लिस्ट में भारत 23 अंकों की छलांग लगाते हुए 77 वें पायदान पर आ गया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का मतलब है कि किसी देश में कारोबार करने के लिए आसानी से उपयुक्त संसाधन मौजूद हों। ये संसाधन सरकार मुहैया कराती है। व्यापारिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि कारोबार करने के मामले में भारत की रैंकिंग में सुधार से कई क्षेत्रों में लाभ होगा। लेकिन किसा क्षेत्र में क्या लाभ होगा ये विशेषज्ञों को भी नहीं मालूम है! आंकड़े भले ही दिखाए जायें।

अब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग आने पर मोदी सरकार पर सवाल उठने लगा है कि जब लोगों को नौकरियां मिल नहीं रही हैं, पीएम मोदी द्वारा वादा करने के बाद भी नए रोजगार के दरवाजे बंद हैं, लघु, सूक्ष्म एवं माध्यम उद्योग घाटे में रहने के कारण बंद होने की कगार पर हैं। तो फिर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का फायदा मिल किसको रहा है?

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्वीटर पर हिस्ट्री ऑफ इंडिया नाम की प्रोफाइल ने मोदी सरकार में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लाभान्वित उद्योगपतियों की लिस्ट दिखाई है।

भगोड़े विजय माल्या ने किया खुलासा : देश से भागने से पहले वित्तमंत्री अरूण जेटली से की थी मुलाकात

इसने बताया है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का सबसे ज्यादा फायदा जिसे हुआ है उनमें नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी सबसे आगे की कतार में शामिल हैं।

नीरव मोदी जिसने PNB से 13,400 करोड़ का फ्रॉड किया

हीरा कारोबारी नीरव मोदी गुजरात से ताल्लुक रखते हैं, जिसने भारतीय बैंकों को हज़ारों करोड़ का चूना लगा लगाया और विदेश भाग गया। नीरव ने पंजाब नेशनल बैंक में लगभग 13,400 करोड़ रुपए का बैंक फ्रॉड किया है।

नीरव मोदी तब और चर्चा में आया जब उसकी तस्वीरें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दावोस की आर्थिक सममिट में सामने आई थीं। तब नीरव मोदी और मोदी सरकार की नजदीकियां खुलकर सामने आई थी।

SBI से 9000 करोड़ लेकर भागने वाला विजय माल्या

शराब कारोबारी और उद्योगपति विजय माल्या ने भी बैंकों से 9000 करोड़ का कर्ज लेकर गबन किया है। कर्ज ना चुका पाने पर विजय माल्या 2016 में देश छोड़कर विदेश भाग गया। हालाँकि विजय माल्या ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि उसने भारत छोड़ने से पहले मोदी सरकार में वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी।

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फिर वित्तमंत्री को सबकुछ पता होने के बाद भी उन्होंने विजय माल्या के बैंक घोटाले के बारे में जाँच एजेंसियों को सूचित क्यों नहीं किया? यानि अरुण जेटली और विजय माल्या का इस बैंक घोटाले से संबंध ज़रूर है।

नीरव मोदी का साथी मेहुल चोकसी

मेहुल चोकसी अपने भांजे नीरव मोदी के साथ ही पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13400 करोड़ का घोटाला करने का मुख्य आरोपी है। अदातल नीरव मोदी और मेहुल केस में सुनवाई कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेहुल चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है।

वहीं मोदी सरकार में विक्रम कोठारी ने भारतीय बैंकों का 3600 करोड़, का कर्ज लेकर घोटाला किया, नितिन संदेसरा ने 5000 करोड़ का घोटाला किया। जबकि छोटे बड़े ऐसे दर्जन भर कारोबारियों के नाम हैं जिन्होंने हजारों करोड़ रुपए बैंकों से कर्ज लिया लेकिन उसे चुकाया नहीं।

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ऐसे में यह साफ है कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में उद्योगपतियों को जमकर पैसा बांटा। जिसकी वजह से बैंकों का NPA बढ़ता चला गया और बैंक मंदी की मार झेलने पर मजबूर हो गए हैं।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का इंडेक्स विश्व बैंक जारी करता है। इसमें कई अलग-अलग पैरामीटर देखे जाते हैं। तो क्या मोदी सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर सिर्फ सिर्फ चंद बड़े उद्योगपतियों को कमाने का मौका दे रही है।

जबकि छोटे कारोबारियों को नोटबंदी और जीएसटी करके उनके बिजनेस कम नहीं कर रही है? यह साफ़ है कि मोदी सरकार में बिजनेस करने में अड़चने आम कारोबारियों को आ रही हैं बड़े कारोबारी आज़ाद हैं।

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