देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से लगातार पुलिसिया जुल्म और अत्याचार की खबरें आती रहती हैं। इस बार राज्य के संत कबीर नगर के बखीरा थाने की पुलिस की बर्बरता की खबर सामने आई है।

बताया जा रहा है कि बखीरा थाने की पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया और संदिग्ध परिस्थितियों में उस शख्स की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने सीधे सीधे बखीरा पुलिस पर हत्या का आरोप लगा दिया है।

मृतक के परिजनों का कहना है कि बखीरा पुलिस ने हिरासत में उसे बुरी तरह से मारा पीटा और मौत के घाट उतार दिया. मृतक शिव बखरी गांव का रहने वाला था।

हद तो तब हो गई जब हिरासत में मौत के बाद पुलिस लाश छोड़कर फरार हो गई। पहले तो मृतक के साथ हिरासत में बुरी तरह से मारपीट की गई। जब मृतक की हालत खराब होने लगी तो उसे जिला अस्पताल ले जाया गया।

जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मरने की सूचना मिलते ही पुलिस के जवान लाश जिला अस्पताल में ही छोड़कर फरार हो गए।

मृतक की पत्नी दुर्गावती देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके रिश्तेदार की एक बेटी कुछ दिनों पूर्व गायब हो गई थी।

गायब लड़की के परिजनों ने पुलिस में उनके पति और उनके तीनों बेटों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बेटी गायब करवाने का आरोप लगाया।

रिश्तेदारों ने पहले तो रविवार के दिन उनके पति को घर से उठा लिया और उनकी जबर्दस्त पिटाई की। इसके बाद पुलिस को बुलाकर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया।

वहीं पर रिश्तेदारों और पुलिस की मिलीभगत से पुलिस अभिरक्षा में ही उनकी हत्या करा दी। मृतक के बेटे संजय कुमार ने एसपी को तहरीर दी है और इस हत्या में शामिल लोगों एवं पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय जिलाधिकारी दिव्या मित्तल और पुलिस कप्तान डॉक्टर कौस्तुभ समेत जिले के तमाम वरीय अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच गए ताकी मामला तूल न पकड़ ले। जिला अस्पताल पहुंच कर आला अधिकारियों ने मामले की जानकारी हासिल की।

इस दौरान हंगामे की आशंका को देखते हुए रात में ही संत कबीर नगर जिला अस्पताल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

इसके बाद जिलाधिकारी ने मृतक के परिजनों से बात की और उन्हें हरसंभव मदद की बात कही।

जिलाधिकारी ने मृतक के परिजनों को भरोसा दिलाया कि मामले की जांच होगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। उधर एसपी ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए थाने के एसओ मनोज कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया है.

यूपी की त्रासदी यह हो चुकी है कि यहां के आम लोगों का पुलिस पर से ही भरोसा उठने लगा है। जिस पुलिस को रक्षक का काम करना चाहिए, वह पुलिस भक्षक की भूमिका में है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।

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