इलाहाबाद के फाफामऊ में बीभत्स घटना देखने को मिली है। यह घटना इतनी शर्मनाक है कि सुनकर भी नरभक्षी दरिंदों पर घिन आ जाए।
इलाहाबाद जिसका अब नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है लेकिन नाम बदलने से ना वहां कानून बदला ना वहां की व्यवस्था।
प्रयागराज के फाफामऊ इलाके में एक दलित पासी परिवार को दंबगों ने कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला। जिसमें एक बेटी और उसकी माँ जिसके साथ गैंगरेप की भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हो गई है।
प्रयागराज में हैवानियत की हदें पार
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बेटी और माँ के साथ गैंगरेप की पुष्टि हुई
दरिंदों ने गैंगरेप के बाद कुल्हाड़ी से काटकर मारा था
4 लोगों की हत्या की थी#Prayagraj
— Bolta Uttar Pradesh (@boltaup) November 26, 2021
पहले इलाके के दर्जनों दबंगों ने गैंगरेप किया फिर गला दबाकर मार दिया। इतना ही नहीं इन हैवानों ने बाद में कुल्हाड़ी से भी काटा।
पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें 8 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
UP की अपराध रिपोर्ट ! मथुरा में गैंगरेप, कानपुर में लूट, प्रयागराज और गोंडा में हत्या, गोरखपुर में नौजवान को पीट-पीटकर मारा#BoltaUttarPradesh https://t.co/8qjd1rhlOX
— Bolta Uttar Pradesh (@boltaup) November 25, 2021
पुलिस ने परिजनों के कहने पर जिन दबंगों को गिरफ्तार किया है वह ठाकुर यानि सवर्ण जाति से ताल्लुक रखते हैं।
परिजनों ने बताया कि मामला अभी का नहीं है पहले भी मारपीट-छेड़खानी की घटनाएं हो चुकी थी लेकिन पुलिस ने खास ध्यान नहीं दिया।
परिजनों ने बताया कि, जब थाने जाते थे तब वहां के अधिकारी थाने से भगा दिया करते थे।
वहीं आप संजय सिंह ने परिजनों से बात कि तो परिजनों ने बताया कि इन दबंगों के खिलाफ एक FIR 2019 में दर्ज हुई थी लेकिन पुलिस ने अबतक उस मामलें में चार्जशीट तक दाखिल नहीं की।
दबंगों का पुलिस कर्मियों के साथ व्यवहार बहुत अच्छा था। उन्हें सत्ता और प्रशासन की सरंक्षण प्राप्त था।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने परिजनों से मिलकर न्याय दिलाने का वादा किया हैं।
वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को कलंक बताया है। उन्होने कहा कि, उम्मीद है कि ये अपराधी बिना चश्में के भी दिख जाएंगे।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि, प्रयागराज में दबंगों का जबरदस्त आतंक है, जिसके कारण ही यह घटना भी हुई है।
आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में लचर कानून व्यवस्था और एक खास वर्ग को शासन-प्रशासन का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया जा रहा है। तभी ऐसी घटनाएं हो रही हैं एक साल पहले हाथरस में भी ऐसी ही शर्मनाक घटना देखने को मिली थी। तब से अबतक कुछ नहीं बदला है।
अब सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश में दलितों की स्थिति खराब हो चुकी है ? क्या शासन-प्रशासन दलितों को न्याय नहीं दे पा रहा है ?