मदरसों के सर्वे पर राजनीति तेज़ होती जा रही है, एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है, कि मदरसों का सर्वे एक जरूरी फैसला है, जिसके माध्यम से हम गरीब मुस्लिम बच्चो को शिक्षा के लिए जरूरत की सुविधाएं दे पाएंगे।

लेकिन विपक्ष का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ये सर्वे केवल हिन्दू और मुसलमान करने के लिए कर रही है।

पहले AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सामने आए और अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी पार्टी का स्टैंड साफ़ कर दिया है कि मदरसों के सर्वे को लेकर समाजवादी पार्टी क्या स्टैंड रखती है।

उधर AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मदरसों के सर्वे को ‘दूसरा एनआरसी’ तक कह दिया है।

असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि सरकार यह छवि बनाना बंद करे कि मदरसों में केवल धार्मिक पढ़ाई होती है और केवल कटरपंथी पैदा होते हैं।

अखिलेश यादव से जब एक मीडियाकर्मी ने मदरसों के सर्वे को लेकर सवाल किया तो अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पहले सरकार बताए कि कैसे होगी 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी उत्तर प्रदेश की? उसके बाद

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मदरसों के सर्वे को लेकर कहा कि सरकार केवल जनता को हिन्दू और मुसलमान में उलझना चाहती है ।

हालांकि दारूल-उलूम-देवबंद ने रविवार को मदरसों के सर्वे को सही ठहराकर इस विवाद को एक हद तक विराम दिया है।

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