भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने 7 सितंबर और 9 सितंबर 2019 को गुरुग्राम और मानेसर संयंत्रों में नो-प्रॉडक्शन डे की घोषणा की। स्टॉक एक्सचेंजों को दिए एक बयान में, मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा कि उसने गुरुग्राम और मानेसर के प्लांट को बंद करने का फैसला किया है। बीते 10 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि दोनों प्लांट से एक भी कार नहीं बनेगी। इन दोनों प्लांट्स की क्षमता सालाना 15 लाख से ज़्यादा कार बनाने की है।
Maruti Suzuki India Limited has decided to shut down the
passenger vehicle manufacturing operations of Gurugram Plant and Manesar Plant in Haryana for two days, on 7th and 9th September, 2019. Both days will be observed as no production days. pic.twitter.com/5yr0JNRxkU— ANI (@ANI) September 4, 2019
दरअसल मारुति सुजुकी इंडिया ने अगस्त में अपने उत्पादन में 33.99% की कटौती की थी, जिससे यह सातवां सीधा महीना बन गया कि देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी ने अपना उत्पादन घटा दिया।
मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) ने सोमवार को बीएसई को फाइलिंग में बताया कि कंपनी ने अगस्त में महीने में 1,68,325 यूनिट्स का उत्पादन किया था, जोकि पिछले साल की 1,68,725 यूनिट्स थी।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने रविवार को अगस्त में 1,06,413 इकाइयों की बिक्री में लगभग एक तिहाई गिरावट दर्ज की।
कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 1,58,189 यूनिट्स की बिक्री की थी। अगस्त 2018 में 1,47,700 इकाइयों की तुलना में पिछले महीने घरेलू बिक्री में 34.3 प्रतिशत की गिरावट आई और अगस्त 2018 में 1,47,700 इकाइयों की बिक्री हुई।
पिछले वर्ष की इसी अवधि में 35,895 इकाइयों की तुलना में ऑल्टो और वैगनआर की मिनी कारों की बिक्री 10,123 इकाई रही, जो 71.8 प्रतिशत थी।
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बता दें कि गौरतलब हो कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर महज 5 फीसदी रह गई है। जीडीपी किसी खास अवधि के दौरान वस्तु और सेवाओं के उत्पादन की कुल कीमत है। भारत में जीडीपी की गणना हर तीसरे महीने यानी तिमाही आधार पर होती है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये उत्पादन या सेवाएं देश के भीतर ही होनी चाहिए।
इससे पहले मार्च तिमाही में जीडीपी 5.80 फीसदी रही थी। जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही विकास दर 8 फीसदी दर्ज की गई थी। मौजूदा जीडीपी बीते 25 तिमाहियों मतलब कि पिछले 6 साल से अधिक वक़्त में ये सबसे कम जीडीपी ग्राथ रेट है।
वहीं अगर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट और एग्रीकल्चर सेक्टर में सुस्ती ने देश की जीडीपी ग्रोथ को जोरदार झटका दिया है। इससे पहले, 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.9 फीसदी के निचले स्तर दर्ज की गई थी।