यह मंदिर अयोध्या से लगभग 25 किलोमीटर दूर प्रयागराज हाईवे पर भरत कुंड के पास बनाया गया है। जहां सीएम योगी की प्रतिमा लगाई गई है। यहां अब पूजा-अर्चना भी शुरू हो गई है. सुबह शाम यहां आरती हो रही है। प्रसाद चढ़ाया जा रहा है।
मंदिर में योगी की मूर्ति को भगवान राम के वनवास वाले रूप में दिखाया गया है। जिस प्रकार से मंदिर के निर्माण के समय आस्था और विश्वास के अनुरूप मंदिर में मूर्ति की स्थापना की जाती है। वैसे ही इस मंदिर को बनाया गया है।
मंदिर बनाने वाले प्रभाकर मौर्य ने मंदिर को योगी महाराज नाम दिया है। साथ बहुत योगी आदित्यनाथ के शरीर और कद को भी ध्यान में रखा गया है।
मूर्ति की लंबाई उनके अनुसार 5 फीट 4 इंच की है. मूर्ति पर कपड़े कैसे हों, इसका भी ध्यान रखा गया है. इसीलिए जो कपड़े योगी आदित्यनाथ पहनते हैं, वैसे ही कपड़े उनकी मूर्ति के शरीर पर भी हैं।
इस मूर्ति को प्रभाकर ने बाराबंकी जनपद के एक मूर्तिकार दोस्त से तैयार कराया है और इसके निर्माण में 2 माह का समय लगा है।
मंदिर बनाने वाले प्रभाकर मौर्य ने कहा कि जो राम का मंदिर बनवाया है हमने उनका मंदिर बनवाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों से वह बेहद प्रभावित हैं।
मुख्यमंत्री ने जिस तरह से लोक कल्याण के काम किए हैं उससे उन्होंने भगवान जैसा स्थान हासिल कर लिया है। इसीलिए उनके मन में मुख्यमंत्री का मंदिर बनाने का विचार आया।
योगी के मंदिर की खबर आने के बाद विपक्षी नेताओं की भी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है।
इसपर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर लिखा “ये तो उनसे भी दो क़दम आगे निकले… अब सवाल ये है कि पहले कौन?”
ये तो उनसे भी दो क़दम आगे निकले… अब सवाल ये है कि पहले कौन? pic.twitter.com/FCHJVCpH1o
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2022
आपको बता दें कि, ऐसे ही कई मंदिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनाए गए थे। इसी पर विपक्ष भी चुटकी ले रहा है।