आज भी भारत में 9 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं। ये देश के लिए दुर्भाग्य की बात है। वहीं उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 04 लाख बच्चे आज भी कुपोषित हैं, ये उत्तर प्रदेश के लिए दुर्भाग्य की बात है।

अमेठी से सांसद और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि देश भर में 09,27,606 अत्यंत कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है और इनकी उम्र 06 माह से 06 साल के बीच है. इनमें से 3,98,359 बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं।

केंद्रीय मंत्री ने संसद को बताया है कि आईसीडीएस-आरआरएस पोर्टल के मुताबिक 30 नवंबर 2020 तक देश में 06 माह से लेकर 06 साल तक के वैसे बच्चों की पड़ताल की गई जो अत्यंत कुपोषण की समस्या से ग्रस्त हैं।

इनमें 09 लाख से ज्यादा बच्चां के अत्यंत कुपोषित हैं और इनमें लगभग 04 लाख की संख्या यूपी के बच्चों की है।

भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने इस आंकड़े के आने के बाद यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि “उत्तर प्रदेश देश में नंबर 1 है. देश में सबसे ज्यादा बच्चे कुपोषित बच्चे उत्तर प्रदेश में हैं.”

श्रीनिवास का यह ट्वीट यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कटाक्ष है जिसमें वो प्रदेश को हर मामले में नंबर 1 बताने का दावा करते हैं. अभी पिछले दिनों पीएम मोदी ने भी वाराणसी के अपने दौरे में यूपी को कई मामलों में नंबर 1 बता कर योगी की पीठ थपथपाई थी।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार रणविजय सिंह ने ट्वीटर के जरिए कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अनुसार यूपी के करीब 04 लाख बच्चे अति कुपोषित हैं।

कुपोषण से आने वाले समय में जंग और भी ज्यादा मुश्किल होने वाला है, खास तौर से उत्तर प्रदेश के लिए क्योंकि यहां पर कुपोषण से लड़ने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार ही नहीं है।

वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अलका लांबा ने भी इस आंकड़े पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को लपेटे में लिया और कहा कि “ईरानी जी, कुपोषण के इस आंकड़े को आप अपनी और अपनी डबल इंजन की सरकार की उपलब्धि ही मानिये. यह बच्चे ही नहीं, देश के भविष्य भी हैं, जो आपके राज में आज भी कुपोषण का शिकार हैं.

दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो यह है कि अभी चार दिन पहले ही यूपी सरकार ने अपने ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि कुपोषण को भगा रहे, सुपोषित जीवन बना रहे। अब इस सुपोषित जीवन के नारे की हकीकत यूपी की जनता के सामने है।

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