यूपी में हुए जिला पंचायत चुनाव और ब्लाॅक प्रमुख चुनाव में जो अराजकता और गुंडई देखने को मिली, उसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है।
देश भर से लोगों की प्रतिक्रियाएं इस पर सामने आ रही है।कई लोगों का मानना है कि चुनाव के दौरान हुई इन घटनाओं ने न सिर्फ देश को शर्मसार किया है बल्कि लोकतंत्र भी लहूलुहान हो गया है।
ऐसी अराजकता कभी किसी ने नहीं देखी होगी कि छोटे से पंचायत चुनाव जीतने की हवस में भाजपाईयों ने एक महिला की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने से भी गुरेज नहीं किया।
बिहार की पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी ने यूपी पंचायत चुनाव में हुई गुंडई पर सीएम योगी आदित्यनाथ को भी लपेटे में लिया है।
राबड़ी देवी ने कहा कि यूपी में राक्षस राज चल रहा है। बिना नाम लिए सीएम योगी आदित्यनाथ पर प्रहार करते हुए राबड़ी ने कहा कि किस मुंह से वो अपने आप को बाबा और योगी कहता है ! यह तो ढोंग की पराकाष्ठा है !
वहीं पूरे पंचायत चुनाव के दौरान पुलिस की कार्यशैली पर राबड़ी देवी ने कहा कि यूपी में पुलिस के भेष में गुंडे कानून की रखवाली कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में राक्षस राज है। किस मुँह से वो अपने को बाबा और योगी कहता है। यह तो ढोंग की पराकाष्ठा है।
पुलिस के भेष में गुंडे क़ानून की रखवाली कर रहे है। pic.twitter.com/pZ9TrKUC8z
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) July 10, 2021
इसके बाद राबड़ी देवी ने केंद्र सरकार की सभी महिला मंत्रियों की तस्वीरें और उसके साथ यूपी के प्रयागराज जनपद के एक थाने के सामने गिरी हुई एक महिला की तस्वीर साझा करते हुए तंज कसा है महिला सशक्तिकरण।
जाहिर तौर पर यूपी में पंचायत चुनाव जीतने के चक्कर में जिस वहशीपन की मिसाल पेश की गई, वो इस देश में कभी नहीं हुआ था। हम भारतीय उस वक्त को बेहद गौरवान्वित महसूस करते हैं जब हमारे देश को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है।
क्या सच में ऐसी लोमहर्षक घटनाओं के बाद खुद को दुनिया का सबसे लोकतंत्र कहलाने के लायक हैं !
सवाल तो सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी उठेंगे। वह न सिर्फ एक राजनेता हैं बल्कि एक योगी और संन्यासी भी हैं। दूसरे नेताओं की अपेक्षा उनसे एक अति विशिष्ट व्यवहार की अपेक्षा सभी रखते हैं।
एक योगी और संत का हमारे सम्माज में काफी मान सम्मान होता है। लोग योगियों और संतों के पांव छूते हैं। उनके पद और आचरण की वजह से। क्या एक योगी का चरित्र ऐसा होता है?
जिस भारत के ऐतिहासिक गाथाओं में वर्णित हो कि जब राज सभा में द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था, तब साक्षात भगवान श्रीकृष्ण उनकी रक्षा के लिए प्रकट हुए थें….. एक योगी का आचरण तो भगवान श्रीकृष्ण की तरह होना चाहिए था।
उनसे गोविंद के चरित्र की अपेक्षा थी लेकिन यहां तो छोटे से ब्लाॅक प्रमुख का चुनाव जीतने की लालसा ने एक नारी का चीर हरण ही करवा कर रख दिया !