कुछ दिनों के अंदर दो IAS अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है. दोनों के आरोप समान हैं कि लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को बदलकर कर उसका दमन किया जा रहा है.
आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन के बाद एक और आईएएस अधिकारी एस शशिकांत सेंथिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सेंथिल कर्नाटक के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. सेंथिल का कहना है कि ‘ऐसे वक्त में जब लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के साथ अभूतपूर्व रूप से छेड़छाड़ की जा रही है, तब उनके लिए इस पद पर बने रहना अनैतिक होगा.’
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सेंथिल ने कहा, ‘आने वाले दिन राष्ट्र के मूल ताने-बाने के लिए बेहद कठिन चुनौतियां पेश करेंगे. उनके लिए इस समय अपने काम को जारी रखने के लिए आईएएस से बाहर होना बेहतर होगा.’
एक पत्र में उन्होंने कहा कि, ‘लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के साथ अभूतपूर्व रूप से छेड़छाड़ की जा रही है.’ ओपन लेटर में नौकरी छोड़ने के बाद लोगों से माफी मांगते हुए सेंथिल ने लिखा, ‘इस मामले को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है.’
कुछ ही दिन पहले आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने के बाद से हफ्तों से वहां के लाखों लोगों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मैंने प्रशासनिक सेवा इसलिए ज्वाइन की, क्योंकि मुझे लगा कि मैं उन लोगों की आवाज बन सकता हूं, जिनकी आवाज को बंद कर दिया जाता है.
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लेकिन यहां, मैंने खुद अपनी आवाज खो दी. मैंने एक बार सोचा था कि सिविल सेवाओं में होने का मतलब साथी नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता का विस्तार करना है. कश्मीर में 20 दिनों से लाखों लोगों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और भारत में कई लोगों को यह ठीक लग रहा है. यह सब भारत में 2019 में हो रहा है.’
क्या आपको सब सामान्य लग रहा है?
- ( ये लेख कृष्णकांत की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )
They must be having some future plans in mind. They both are most likely to join active political party after quite some time. Wait and watch.