एबीपी न्यूज की पत्रकार एवं एंकर कुमकुम बिनवाल ने यूपी की राजनीति की चर्चा करते हुए ट्वीटर पर लिखा कि “यूपी में सारी चर्चाएं भाजपा को लेकर है. सपा बसपा कहीं हैं ही नहीं!

क्या पिछले चार सालों में आपको ये दोनों पार्टियां सड़क पर उतर कर जनता के मुद्दों के लिए लाठी खाते दिखाई दीं?” इसके आगे उन्होंने कहा कि ट्वीटर के जरिए चुनाव नहीं जीते जाते भाई..

आम तौर पर पत्रकारों का कर्तव्य होता है कि वो सरकार से जनहित से जुड़े मुद्दों पर सवाल करें और सरकार की विफलताओं को जनता के समक्ष रखें लेकिन पिछले कुछ सालों से ये ट्रेंड चल पड़ा है कि सरकार की बजाय विपक्ष पर ही सवालों के गोले दागे जा रहे हैं।

कुमकुम बिनवाल के इस ट्वीट के जवाब में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और MLC उदयवीर सिंह ने बड़ा ही दिलचस्प जवाब दिया।

उदयवीर ने कुमकुम को जवाब देते हुए कहा कि “क्षमा करना बहन, हम आपको वह पैकेज नहीं पहुंचा सकते जिसकी प्राप्ति से आपकी नजरें इनायत होती हैं. आप सड़क और जनता की बात जनता पर ही छोड़ दें. “

दरअसल उदयवीर सिंह ने पैकेज की चर्चा कर देश की वर्तमान पत्रकारिता को आईना दिखाने का काम किया है।

जहां पर सरकार को घेरने की बजाय विपक्ष को घेरने के लिए स्पेशल पैकेज दिए जाते हैं। पत्रकारों को अलग अलग साधनों से पुरस्कृत और उपकृत किए जाते हैं।

इसके बदले में गोदी मीडिया के पत्रकार भी सरकार की सेवा करने में कोई कोताही नहीं करतें। सरकार की चापलूसी और चाटुकारिता करने की होड़ सी मची हुई है इन पत्रकारों में।

हकीकत की बात करें तो ऐसा नहीं है कि यूपी में विपक्षी दल आंदोलन नहीं कर रहे या लोगों की आवाज नहीं बुलंद कर रहें लेकिन न्यूज चैनलों को तो आदेश और निर्देश जारी किया गया है कि किसकी खबरें दिखानी है और किसकी खबरें दबानी हैं।

यूपी में शिक्षक भर्ती का मामला हो, दारोगा बहाली का मसला हो, विपक्ष ने लगातार सरकार को घेरने का काम किया है,

लेकिन मीडिया आंदोलन की खबरों को दबाती है क्योंकि उनके पास तो सरकार का पैकेज पहले से पहुंचा होता है।

महंगाई से लेकर बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर विपक्ष हमेशा मुखर रहता है लेकिन मीडिया को कुछ नजर नहीं आता ! वाकई, ये पैकेज बड़े कमाल की चीज है!

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