बीजेपी नेता और मोदी सरकार में मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ की छात्रा द्वारा लगाए गए यौ न उत्पीड़न के आरोपों की जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को आदेश देते हुए कहा कि सरकार इस मामले में एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन करे और चिन्मयानंद पर छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करे, जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा।

दरअसल पिछले महीने 23 अगस्त को हॉस्टल से लापता हुई लॉ छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर शो षण के आरोप लगाए थे। छात्रा के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद पर अपहरण और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कराया था। इसके बाद 30 अगस्त को राजस्थान में एक युवक के साथ मिली यहां पर एक न्यायाधीश ने उससे बातचीत की थी।

सुनवाई के दौरान पीड़िता के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसे राजस्थान के दौसा में बरामद किया गया था। इसके बाद महिला वकील ने कोर्ट से गुजारिश की कि उसे पीड़िता से मिलना चाहिए।

इस दौरान छात्रा ने कहा था कि वह घर वापस जाना नहीं चाहती है और उसके परिजनों को भी दिल्ली बुला लिया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि छात्रा को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इस मामले पर कोर्ट ने योगी सरकार के मुख्य सचिव को अगले आदेश तक छात्रा और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।

गायब हुई छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई थी। इस वीडियो में पीड़िता ने स्वामी पर गंभीर आरोप लगाया था। वीडियो में उसने कहा था, ‘संत समाज का एक बहुत बड़े नेता ने मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी है। वो कहता है कि वो पुलिस, डीएम को जेब में रखता है। मेरे पास उस संन्यासी के खिलाफ साक्ष्य (सबूत) हैं। उसने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के प्रमुख स्‍वामी चिन्‍मयानंद पर दर्ज शिष्या से रेप का मुकदमा हटाने का आदेश जारी कर चुके है। इससे पहले इस संबंध में 9 मार्च 2018 को जिला मजिस्ट्रेट, शाहजहांपुर के कार्यालय से एक लेटर जारी किया गया था।

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