उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में एक बार फिर सांप्रदायिकता का माहौल बनाया जा रहा है।

दरअसल मथुरा में अखिल भारत हिंदू महासभा ने मस्जिद में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की थी। जिसके बाद शहर में धारा 144 लागू की गई है।

अखिल भारत हिंदू महासभा के अलावा एक और दक्षिणपंथी संगठन नारायणी सेना ने भी मंदिर के पास मौजूद मस्जिद को हटाने की मांग की है।

नारायणी सेना ने इस संदर्भ में एक मार्च निकालने की घोषणा की थी। जिसके चलते संगठन के सचिव अमित मिश्रा को हिरासत में भी लिया गया है।

बताया जाता है कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा कि नेता राज्य श्री चौधरी ने 6 दिसंबर को शाही ईदगाह भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा कर पूरे इलाके में हंगामा खड़ा कर दिया था।

दरअसल 6 दिसंबर को भारत में साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के तौर पर देखा जाता है।

ऐसे में हिंदूवादी संगठन द्वारा इसी दिन मस्जिद में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करने से बड़ा बवाल होने की संभावना बन सकती है।

इस मामले में पत्रकार विनोद कापड़ी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “मथुरा में धारा 144: चुनावों को देखते हुए उत्तरप्रदेश का माहौल बिगाड़ने की ख़तरनाक साज़िश चल रही है ।

इस ख़तरनाक खेल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि सब जानते हैं कि खुद यूपी सरकार के इरादे क्या हैं।”

गौरतलब है कि विपक्षी दलों द्वारा भारतीय जनता पार्टी पर कई बार यह आरोप लगाए जा चुके हैं कि सत्ता में आने के लिए वे हिंदू मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद के नाम लोगों को लड़वाने का काम करते हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में अयोध्या के राम मंदिर को अहम चुनावी मुद्दा बनाया गया था। इस बार भाजपा के पास ऐसा कोई मुद्दा नहीं है।

इसी वजह से अब एक बार हिंदूवादी संगठन मंदिर मस्जिद के नाम पर लोगों को आपस में लड़ा कर राजनीति करने पर उतारू हैं।

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