योगी सरकार कितने भी दावे कर ले कि उनकी सरकार करप्शन फ्री सरकार है। मगर उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पीडीएफ घोटाले (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) में बड़ा खुलासा हुआ।

इस घोटाले में गरीबों का करीब 5 हज़ार क्विंटल सरकारी चावल चोरी की बात कही जा रही थी। अब मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इस मामले बीजेपी नेता प्रदीप गुप्ता का नाम सामने आया जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल हरदोई के नया गांव में पशुपतिनाथ एग्रो फूड प्रोडक्ट एवं पशुपतिनाथ एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से करीब 5 हजार क्विंटल सरकारी चावल बरामद हुआ था। राइस मिल से सरकारी चावल की बरामदगी के मामले में राशन माफिया के साथ ही मिल पार्टनरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। इस मामले पर डीएसओ की ओर से देहात कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

जिसके तहत एफआईआर में मिल मालिक शैलेंद्र कुमार गुप्ता, उनकी पत्नी छुटकुन्न, पुत्र प्रदीप कुमार गुप्ता, राजीव कुमार गुप्ता एवं अमित कुमार गुप्ता को नामजद किया गया था।

हरदोई के एसपी ने कड़ी कार्यवाही का आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में लिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले पर सवाल तब उठने लगे है क्योकिं उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव से पहले इस मामले में मुख्य आरोपी प्रदीप कुमार ने बीजेपी ज्वाइन की थी।

अनाज का कारोबार करने वाले प्रदीप हत्या के मामले जेल की हवा भी खा चुके है। हाल ही जब उनका पीडीएफ घोटाले में नाम आया था तो बीजेपी ने उनसे किनारा तो कर लिया था मगर कार्यवाही करने में काफी वक़्त लगा है।

क्योकिं हरदोई में प्रदीप एक व्यापारी के तौर पर प्रसिद्द हैं, उनका सिक्का चलता है। पिछले कई सालों से मिल और फ्लोर मिल के कार्य के अलावा मंडी में आढ़त और शहर से सटी ग्राम पंचायत महोलिया शिवपार के प्रधान रहे हैं। सरकारी अनाज की गोदामों के लिए ट्रांसपोर्ट के ठेके भी इन्हीं के परिवार में रहे। इन्हें सरकारी खाद्यान्न से जुड़े विभागों में बादशाहत जैसा सम्मान मिलता रहा है।

ऐसे शख्स का बीजेपी का नेता निकलना शक तो पैदा करता है क्योकिं करप्शन फ्री प्रदेश की कल्पना करने वाली योगी सरकार के नीचे अगर घोटाला चलता रहा तो उन्होंने इस मामले पर एक्शन लेने में इतनी देर क्यों लगाई।

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